
इंडस्ट्री में क्यों है एक्टर्स के बीच है फीस का फर्क? शेफाली शाह-भूमि पेडनेकर ने उठाया सवाल
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शेफाली शाह ने बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इंडस्ट्री में जेंडर के हिसाब से फीस में कमी की जाती है. उन्हें लगता है कि ये फर्क एक स्टार और एक्टर के बीच का है. इस सेशन के दौरान आगे महिलाओं के लुक्स को लेकर बात हुई. यहां भूमि ने कहा कि ट्रोलिंग का सामना किया है.
31 जुलाई, गुरूवार को हुए इंडिया टुडे वुमन समिट में बॉलीवुड एक्ट्रेस शेफाली शाह और भूमि पेडनेकर ने शिरकत की. यहां दोनों ने फिल्म इंडस्ट्री और ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स में काम करने को लेकर बात की. सेशन के दौरान दोनों से फिल्म इंडस्ट्री में मेल एक्टर और फीमेल एक्टर्स को मिलने वाली फीस में अंतर, औरतों को उनके लुक्स और उम्र के लिए जज किए जाने और ट्रोलिंग पर बात की.
एक्टर्स के बीच फीस में है अंतर
शेफाली शाह ने बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इंडस्ट्री में जेंडर के हिसाब से फीस में कमी की जाती है. उन्हें लगता है कि ये फर्क एक स्टार और एक्टर के बीच का है. शेफाली का मानना है कि बड़े और नामी सुपरस्टार्स को मेकर्स ज्यादा पैसे देते हैं, जबकि उनसे कम फेमस एक्टर्स को कम पैसों पर रखा जाता है. जो अब ओटीटी में काफी हद तक खत्म हो रहा है. हालांकि भूमि पेडनेकर इस बात से ज्यादा सहमत नहीं थीं. उन्होंने कहा कि सीनियर एक्टर्स के सामने तो कोई भी छोटे एक्टर को पैसे नहीं देगा, लेकिन बराबरी का एक्सपीरिएंस रखने वाले मेल और फीमेल एक्टर्स के बीच पैसों को फर्क किया जाता है, जो उनकी नजर में सही नहीं है.
ट्रोलिंग पर बोलीं भूमि
सेशन के दौरान आगे महिलाओं के लुक्स को लेकर बात हुई. इस भूमि ने कहा कि उन्होंने लंबे वक्त से अपने ऊपर होते कमेंट्स को सुना है और लंबे वक्त से निगेटिविटी का सामना किया है. ऐसे में आपकी चमड़ी मोटी हो ही जाती है. एक्ट्रेस ने बताया कि कैसे उन्होंने फिल्म 'दम लगाके हईशा' में काम किया था, जिसने ब्यूटी के स्टैंडर्ड बदल दिए. तो वहीं 'टॉयलेट: एक प्रेम कथा' के दौरान लोगों ने कहा था कि ये कैसी लड़की को ले लिया है, ये तो हीरोइन जैसे नहीं लगती है. भूमि पेडनेकर ने कहा कि आज भी लोग उन्हें बताते हैं कि उन्हें कैसा दिखना चाहिए. सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जाता है, लेकिन अब उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता.
भूमि पेडनेकर ने ये भी कहा कि आखिर महिलाओं को हर कदम पर, हर चीज के लिए जज किया जाता है. महिलाएं भी इंसान होती है, जो अलग-अलग इमोशन महसूस कर सकती हैं. इसमें कुछ गलत नहीं है. अगर एक महिला को जलन होती है तो इसमें क्या गलत है. हम इंसान है, हम इंसानों की महसूस की जाने वाली हर चीज को महसूस कर सकते हैं. इसके लिए हमें जज किया जाना गलत है.

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