आज का दिन: यूक्रेन के खिलाफ पूरी ताकत से क्यों नहीं लड़ रहा रूस? युद्ध के अंजाम पर टिकीं दुनिया की निगाहें
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युद्ध भी युद्ध की तरह नहीं लड़ रहा है रूस आखिर यूक्रेन से क्या चाहता है? इस बार चुनाव से बीजेपी ने मेनका और वरुण गांधी को क्यों रखा दूर? श्रीलंका को हराने के बाद भी टीम इंडिया में क्या कमियां हैं, जिन्हें रोहित शर्मा को जल्द सुधारना होगा? सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ...
रूस यूक्रेन युद्ध चलते हुए चार दिन बीत गए हैं. यूक्रेन में मंजर अब और खौफनाक हो चला है. यहां 352 लोगों की रूसी हमले में मौत हो गई है जिनमें 14 बच्चे हैं. 1600 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. बमधमाकों की आवाज़ें लगातार गूंज रही हैं. लोग या तो बंकरों में हैं या भागे भागे फिर रहे हैं. आम लोगों में से भी कुछ लोगों ने हथियार उठाए हैं रूसी सेना के सामने. हालांकि प्रिडिक्ट ये किया जा रहा था कि यूक्रेन रूसी सेना के सामने 2 दिन भी नहीं टिक सकेगा लेकिन वो अब तक लड़ रहा है. कीव में उसने रूसी सेना को घुसने से रोक रखा है और यूक्रेन ने दावा किया है उसने रूस की सेना से अपना दूसरा महत्वपूर्ण शहर खार्किव वापस ले लिया है. यूक्रेन को अमेरिका, फ्रांस,ब्रिटेन समेत 28 देशों ने सैन्य उपकरणों की मदद की घोषणा की है. इसी बीच देर रात खबर आई कि रूस ने बेलारूस में यूक्रेन के साथ बातचीत की पेशकश की है. और यूक्रेन ने भी इस पर सहमति जताई है.
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने एक बयान में कहा है कि पिछले 4 वर्षों से खबरें आ रही हैं कि चीन भारतीय सीमा में प्रवेश कर रहा है. सरकार इन मुद्दों पर स्पष्ट जानकारी नहीं दे रही है, जिससे संदेह पैदा हो रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि वह हमेशा सब कुछ छुपाने की कोशिश में रहते हैं. इसका परिणाम यह है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दोनों देशों के बीच क्या समझौता हुआ है. इस स्थिति ने कई लोगों को चिंतित कर दिया है.