अमेरिका, रूस और चीन क्या स्पेस वॉर की तरफ़ बढ़ रहे हैं - दुनिया जहान
BBC
दुनिया जहान में इस बार इसकी पड़ताल कि स्पेस गतिविधियों पर क्या नियम बनाए जाने चाहिए. क्या स्पेस, संघर्ष की नई ज़मीन बनता जा रहा है.
1982 में सोवियत संघ ने कॉसमॉस-1408 नाम का एक जासूसी उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़ा. स्पेस में जाने के दो साल बाद ये बेकार हो गया और तब से ये अपनी कक्षा में लगातार घूम रहा था.
आख़िर नवंबर 2021 को रूस ने एक एंटी सैटेलाइट मिसाइल लॉन्च कर इसे नष्ट कर दिया. इसके क़रीब 1,500 टुकड़े अंतरिक्ष में फैल गए. इससे पहले अमेरिका 2008 में और चीन 2007 में ऐसा कर चुके हैं.
रूस के क़दम की कड़ी आलोचना हुई क्योंकि सैटेलाइट के टुकड़े किसी यान से टकरा सकते थे और स्पेस में बड़ा हादसा हो सकता था.
डर जताया जाने लगा कि रूस ने ये दिखा दिया था कि वो बिना कोई क़ानून तोड़े अंतरिक्ष में सैटेलाइट नष्ट कर सकता है. इस बार उसने अपना सैटेलाइट नष्ट किया, लेकिन अगली बार ऐसा होगा ये ज़रूरी नहीं.
तो इस बार दुनिया जहान में पड़ताल इस बात की कि स्पेस में कौन क्या करे, क्या न करे, इसे लेकर क्या नियम बनाए जाने चाहिए. हमारा सवाल है क्या स्पेस, संघर्ष की नई ज़मीन बनने जा रहा है?