
अभिव्यक्ति की आजादी पर लगी इमरजेंसी? 'छोड़िए ये महानता का ढोंग, एक फिल्म तो हमसे बर्दाश्त हो नहीं रही' बोले मनोज
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14 अगस्त को 'इमरजेंसी' का ट्रेलर रिलीज हुआ और फिल्म को लेकर विवाद भी शुरू हो गए. सिख संगठनों ने कंगना की फिल्म पर 'भावनाओं को आहत करने' और 'सिखों की गलत छवि' दिखाने का अओप लगाया. आखिरकार सेंसर बोर्ड ने फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेशन रोक दिया. 'इमरजेंसी' कब रिलीज होगी ये अभी कोई नहीं बता सकता.
बॉलीवुड एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' 6 सितंबर को रिलीज नहीं हो पाएगी. फिल्म की ऑरिजिनल रिलीज अक्टूबर-नवंबर 2023 के लिए प्लान की गई थी. लेकिन फिर इसे 14 जून 2024 के लिए शेड्यूल किया गया. मगर लोकसभा चुनाव के चलते फिल्म एक बार फिर से टली और फाइनली इसकी रिलीज डेट 6 अगस्त रखी गई. और इस नई तारीख पर भी अब 'इमरजेंसी' नहीं रिलीज हो पाएगी.
'इमरजेंसी' में कंगना, भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही हैं. फिल्म में लीड रोल करने के अलावा कंगना 'इमरजेंसी' की डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी हैं. 14 अगस्त को उनकी फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ और इसके साथ ही फिल्म को लेकर विवाद भी शुरू हो गए. सिख संगठनों ने कंगना की फिल्म पर 'भावनाओं को आहत करने' और 'सिखों की गलत छवि' दिखाने का अओप लगाया. आखिरकार सेंसर बोर्ड ने फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेशन रोक दिया. 'इमरजेंसी' कब रिलीज होगी ये अभी कोई नहीं बता सकता.
'इमरजेंसी' के साथ हो रहे इस बर्ताव को लेकर फिल्म के गीतकार मनोज मुंतशिर ने अब एक वीडियो शेयर किया है. और 'फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन' यानी अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर सवाल उठाया है.
बंद हो 'महानता का ढोंग' मनोज ने अपने वीडियो की शुरुआत 'इमरजेंसी' की रिलीज टलने की खबर से की और बताया कि इसकी वजह क्या है. इसके बाद मनोज ने काफी तेवर के साथ 'अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, 'सर्टिफिकेट का ये खेल आधा अधूरा क्यों खेला जा रहा है, पूरा खेला जाना चाहिए. लगे हाथ हमसे एक और सर्टिफिकेट हमसे छीन लेना चाहिए कि हम अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करने वाले लोग हैं. छोड़िये ये महानता का ढोंग, एक फिल्म तो हमसे बर्दाश्त हो नहीं रही. फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन की बात करते हैं.
आगे मनोज ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को लेकर सवा पूछते हुए कहा, 'प्रॉब्लम क्या है इमरजेंसी से? प्रॉब्लम ये है कि इंदिरा गांधी की निर्मम हत्या दिखाई गई है. तो क्या इंदिरा जी की मृत्यु रोड एक्सीडेंट में हुई थी, हत्या नहीं की गई थी उनकी? प्रॉब्लम ये है कि इंदिरा गांधी के हत्यारों को सिख दिखाया गया है. तो सतवंत सिंह और बेअंत सिंह सिख नहीं थे? प्रॉब्लम ये है कि जरनैल सिंह भिंडरावाले को आतंकवादी बताया गया है. तो क्या हजारों निर्दोषों की बेरहमी से हत्या करने वाला वो दरिंदा, आतंकवादी नहीं था?' मनोज ने वीडियो में कहा कि उन्हें इस बात का यकीन नहीं होता कि सिख समुदाय एक फिल्म को लेकर इस तरह रियेक्ट कर सकता है.
'मैं मानने को तैयार नहीं हूं कि इक ओंकार सतनाम बोलकर सच्चाई के लिए बेखौफ खड़े होने वाले सिख किसी फिल्म में दिखाई गए सच से डर गए हैं. सिख भारतवर्ष के इतिहास का सुनहरा पन्ना हैं. जब सिर पर केसरी पगड़ी बांधकर निकलते हैं तो पूरा देश उन्हें इज्जत से देखता है. क्योंकि उस पगड़ी की हर सिलवट से हमारे महान गुरुओं का शौर्य झांकता है. सिखों की शिनाख्त जरनैल सिंह भिंडरावाले से की जाएगी?' मनोज ने कहा. इसके बाद उन्होंने सिह गुरुओं का नाम लेते हुए सिख समुदाय की तारीफ भी की.

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