Who is Naveen Kasturia? इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद की प्राइवेट जॉब, ऐसे हिट हुए ब्रीद के स्टार नवीन कस्तूरिया
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साल 2008 में नवीन कस्तूरिया, मुंबई चले गए. वहां भी कुछ समय प्राइवेट जॉब ही की, लेकिन साइड में नवीन थिएटर करते रहे. नवीन कस्तूरिया के फेवरेट एक्टर गोविंदा रहे हैं. दोस्त के साथ मिलकर नवीन कस्तूरिया ने एक प्ले तैयार किया, जिसका नाम 'खेल-खेल' था. नवीन ने खुद इस प्ले को डायरेक्ट किया था. दर्शकों के बीच यह काफी पॉपुलर हुआ.
वेब सीरीज 'ब्रीदः इन्टू द शैडोज' का दूसरा सीजन आ गया है. इस बार स्टार कास्ट में कुछ बदलाव देखने को मिला है. अभिषएक बच्चन, अमित साद, सयामी खेर और नित्या मेनन के अलावा इसमें नवीन कस्तूरिया भी लीड रोल में नजर आ रहे हैं. इसके पहले सीजन में आर माधवन लीड रोल में दिखे थे, लेकिन बाद में उनकी जगह अभिषेक बच्चन ने डॉ. अविनाश सभरवाल उर्फ जे ने ले ली. यह एक ऐसा शख्स होता है, जिसे कई पर्सनैलिटी डिसऑर्डर होते हैं. इसके चलते वह क्राइम करता है. 'ब्रीदः इन्टू द शैडोज' में अविनाश में यह डिसऑर्डर होता है, इस बात की पुष्टि होती है. अबकी बार इस सीजन में और नई चीजें देखने को मिलने वाली हैं. लाइमलाइटजो लूट ले गए हैं, वह हैं नवीन कस्तूरिया.
कौन हैं नवीन कस्तूरिया? 26 जनवरी 1985 में नाइजीरिया में जन्में नवीन कस्तूरिया जब एक साल के थे तो परिवार संग भारत लौट आए थे. दिल्ली में पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने कॉलेज में थिएटर और शॉर्ट फिल्मों में परफॉर्म करना शुरू किया. इंजीनियरिंग की पढ़ाई हंसते-खेलते पूरी करने के बाद करीब दो साल प्राइवेट जॉब की. जब नौकरी से मन भर गया तो अपने पैशन को चुनना प्रिफर किया. साल 2008 में नवीन कस्तूरिया, मुंबई चले गए. वहां भी कुछ समय प्राइवेट जॉब ही की, लेकिन साइड में नवीन थिएटर करते रहे. नवीन कस्तूरिया के फेवरेट एक्टर गोविंदा रहे हैं. दोस्त के साथ मिलकर नवीन कस्तूरिया ने एक प्ले तैयार किया, जिसका नाम 'खेल-खेल' था. नवीन ने खुद इस प्ले को डायरेक्ट किया था. दर्शकों के बीच यह काफी पॉपुलर हुआ.
TVF का हैं बड़ा चेहरा इसके बाद नवीन कस्तूरिया को अपना पहला टीवी कमर्शियल मिला. डायरेक्टर दिबाकर बनर्जी ने उन्हें यह एड दिलाया था. धीरे-धीरे टीवी कमर्शियल्स में नवीन ने अपनी पहचान बनाई. दिबाकर, नवीन के इतने अच्छे दोस्त बन गए कि उन्होंने ही उन्हें फिल्मों में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम दिया. जब नवीन टीवी कमर्शियल्स कर रहे थे, तब उनके दोस्त अरुणभ कुमार बने. इन्होंने TVF चैनल की शुरुआत की और नवीन को हायर किया. नवीन ने एक से बढ़कर एक वेब सीरीज बनाईं. उसमें एक्टिंग की और दर्शकों के बीच छा गए.
एक्टर, डायरेक्टर और राइटर बनकर नवीन कस्तूरिया ने शानदार काम किया है. सिर्फ इतना ही नहीं, डैनी स्टेनोपिक की फिल्म 'टाइगर' का भी नवीन हिस्सा रहे हैं. इस फिल्म ने ऑस्कर अपने नाम किया हुआ है. इतनी सारे टैलेंट नवीन कस्तूरिया के अंदर हैं, इन्हें देखकर मानना पड़ेगा कि वह कोई हल्के-फुल्के एक्टर नहीं हैं. नवीन कस्तूरिया को पहली फिल्म साल 2014 में मिली थी. नाम था 'सुलेमानी कीड़ा'. इसमें अपनी एक्टिंग से दर्शकों के बीच छाने वाले नवीन रातों-रात मशहूर हो गए थे.
स्ट्रगलिंग रहा करियर हालांकि, नवीन के करियर में भी कई उतार-चढ़ाव आए. एक इंजीनियर से एक्टर बनने तक का सफर उनका कुछ आसान नहीं था. रणवीर अल्हाबादी संग इंटरव्यू में नवीन कस्तूरिया ने इसके बारे में खुलकर बात की थी. एक्टर ने कहा कि मैंने सबसे पहला नाटक अपना कॉलेज लाइफ में किया था. उसके बाद से ही एक्टिंग फील्ड में जाने का कीड़ा उठा. फिर मैंने जब एक्टिंग की फील्ड में कदम रखने का निर्णय लिया तो पेरेंट्स इस चीज के खिलाफ थे. उनका कहना था कि अगर एक्टिंग की दुनिया में जाना है तो नौकरी लेकर मुंबई जाओ. नौकरी के साथ ओवरटाइम करो. मेहनत करो, जब कुछ हाथ में रहे तब नौकरी छोड़कर पूरी तरह एक्टिंग पर ध्यान दो. वेब सीरीज 'पिचर्स' के बाद लाइफ में कुछ पैसा आना शुरू हुआ. तब जाकर पेरेंट्स मेरी एक्टिंग फील्ड में जाने की बात को लेकर माने. आज वह मेरे साथ रिहर्सल्स में हेल्प करते हैं.
कैसे बने नवीन एक एक्टर? आज मैं जहां हूं, वह पूरी तरह किस्मत के बदौलत हूं. मैं अपने दोस्तों से कहता था कि आप अगर एक जगह खड़े रहोगे तो कभी न कभी आपका नंबर आने का चांस होता है. वही मेरे साथ हुआ है. जैसे मैं बताऊं कि जब मैंने पहली फिल्म के लिए बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया. तो उसमें मेरी मुलाकात रजिन्दर सेठी से हुई. 'जश्न' मेरी पहली फिल्म थी, जिसमें मैं बतौर एडी (असिस्टेंट डायरेक्टर) लगा था. इनसे मैंने दिबाकर बनर्जी का कॉन्टैक्ट मांगा. मैं दिबाकर का बहुत बड़ा फैन रहा हूं. दिबाकर के ऑफिस में मैं थोड़ा चिपक गया. मुझे दिबाकर का तो नहीं, लेकिन किसी प्रोड्यूसर का नंबर मिला था. बहुत मुश्किल से कई चक्कर काटने के बाद मुझे 'लव सेक्स और धोखा' फिल्म मिली. इसके बाद मैंने स्क्रिप्ट लिखी. लेकिन उसका कुछ हुआ नहीं. किसी को वह पसंद नहीं आई. फिर मुझे 'शंघाई' फिल्म मिली. इसमें मेरा बहुत छोटा सा रोल था. मैंने एक्टिंग की. तब तक मेरे पास पैसा भी खत्म हो चुके थे. मैं एक खराब सी जगह में नए एक्टर्स के साथ रहता था. एक्टर्स जाते थे एड ऑडिशन्स में. मैंने एड ऑडिशन में जाना शुरू किया. मुझे नहीं पता था कि मुझे एक एक्टर कैसे बनना है. इस बीच 'सुलेमानी कीड़ा' हो गई. इस फिल्म ने मुझे एक्टर बना दिया. डायरेक्टर्स की नजर मुझपर पड़ी और यहीं से मुझे काम मिलने लगा. आज आपके सामने हूं.