Unique Tradition in Gorakhpur: अंधविश्वास की खूनी परम्परा, देवी मां को बुजुर्गों से लेकर नवजातों तक के रक्त की बलि
ABP News
Unique Tradition in Gorakhpur: गोरखपुर के बांसगांव में श्रीनेत वंश के लोग एक अनोखी परंपरा के तहत दुर्गा मंदिर में अपने शरीर का रक्त चढ़ाते हैं. इसमें बच्चों से लेकर जवान बुजुर्ग तक शामिल होते हैं.
Blood Offers to Goddess in Gorakhpur: मां दुर्गा की भक्ति और सदियों से चली आ रही अनोखी परंपराओं के बारे में तो अनेक किस्से सुनने को मिलते हैं. आज के आधुनिक युग में भी आस्था पर अन्धविश्वास इस कदर हावी है, कि लोगों को नवजात बच्चों के जान तक की परवाह नहीं है. वैश्विक महामारी के समय में ऐसी परम्पराएं सोचने पर भी मजबूर करती हैं. गोरखपुर के बांसगांव के श्रीनेत वंश के राजपूतों के अंधभक्ति की ये परम्परा सदियों से चली आ रही है. गोरखपुर के बांसगांव का दुर्गा मंदिर. जहां श्रीनेत (राजपूत) वंश के नवजात से लेकर बुजुर्ग तक मां दुर्गा को अपने शरीर के रक्त को बेलपत्र पर बलि के रूप में अर्पित करते हैं. यह अनोखी परंपरा ऐसा 300 साल से भी अधिक समय से चली आ रही है.
रक्त चढ़ाने की अनोखी परंपरा