Rape in Delhi: तूल पकड़ रहा दिल्ली में कथित दुष्कर्म मामला, जानिए क्या हुआ था उस रात
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Rape in Delhi: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में नौ साल की एक दलित बच्ची के बलात्कार और हत्या मामले में दिल्ली पुलिस से विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है. मां के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज कर श्मशान घाट के पुजारी को गिरफ्तार कर लिया गया था.
नई दिल्लीः राजधानी में एक 9 साल की बच्ची के साथ कथित तौर पर रेप और फिर हत्या किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. वारदात एक अगस्त की बताई जा रही है, जिसके बाद से अब यह राजनीतिक रंग लेने लगा है. पीड़ित परिवार से मिलने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहुंचे हुए हैं तो वहीं सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी मामले पर संज्ञान लिया है. वह खुद भी मिलने पहुंचे हैं. इसके अलावा सीएम केजरीवाल ने 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है.Karnataka Congress Councillor Daughter Murder Case: कर्नाटक में कांग्रेस पार्षद की बेटी की कॉलेज कैंपस के भीतर चाकू मारकर हत्या कर दी गई. इस पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि इस मामले में जबरन धर्म परिवर्तन का कोई एंगल दिखाई नहीं देता है. लेकिन अब लड़की के पिता ने सवाल किया कि अगर यह लव जिहाद का मामला नहीं है, तो फिर क्या है?
छोटे बच्चों के लिए नेस्ले के दूध और खाने के प्रोडक्ट में मिलावट की बात सामने आई है. चौंकाने वाली इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नेस्ले भारत समेत एशियाई और अफ्रीकी बाजारों में बेचे जाने वाले बच्चों के दूध और सेरेलैक में मिलावट करता है. दिलचस्प है कि वह इस तरह की मिलावट यूरोप और ब्रिटेन के अपने मुख्य बाजारों में नहीं करता है.
Salman Khan House Firing: बॉलीवुड के सुपरस्टार 'दबंग खान' के गैलेक्सी अपार्टमेंट पर हुई फायरिंग में मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. क्राइम ब्रांच की टीम ने हमले के दोनों शूटर्स को गुजरात के भुज जिले से गिरफ्तार कर लिया है. इन दोनों की पहचान विक्की गुप्ता और सागर पाल के रूप में की गई है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से तुरंत राहत नहीं मिली. सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में जेल में बंद केजरीवाल की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा है. केजरीवाल ने ईडी की ओर से उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद उत्पाद शुल्क नीति मामले में उनकी रिमांड को चुनौती दी है.
उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के 21 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के एक समूह ने ‘सोचे समझे दबाव, गलत सूचना और सार्वजनिक रूप से अपमान के जरिए न्यायपालिका को कमजोर करने के कुछ गुटों’ के बढ़ते प्रयासों पर भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) को एक पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि ये आलोचक संकीर्ण राजनीतिक हितों और व्यक्तिगत लाभ से प्रेरित हैं तथा न्यायिक प्रणाली में जनता के विश्वास को कम करने का प्रयास कर रहे हैं.