Rakshabandhan: देवता भी निभाते हैं भाई-बहन का रिश्ता, जानिए कौन थीं महादेव-श्रीराम की बहनें
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Rakshabandhan: भाई-बहन के रिश्ते का जश्र रक्षाबंधन के दिन मनाते हैं. भाई-बहन के स्नेह से देवता भी पीछे नहीं. वह भी शिद्दत से यह रिश्ता निभाते हैं. जानते हैं कुछ देवी-देवताओं के भाई-बहनों के बारे में
Rakshabandhan: भाई-बहन के प्यारे के रिश्ते को कई अलग-अलग शब्द और एहसासों से समझा जा सकता है. बहन की आंखों में आंसू देखकर भाई मदद को कोसों दूर से खिंचे चले आते हैं तो बहनें भाई की बलाइयां लेती नहीं थकतीं. इस क्रम में देवों की बात करें तो पहले बात भोले भंडारी भगवान शिव की. शिव यूं तो अजन्मे हैं, लेकिन उनकी भी एक बहन हैं, जिनका नाम असावरी देवी है. तपस्यालीन शिवजी ने मां पार्वती के अकेलेपन और ननद की इच्छा पूरी करने के लिए भोलेनाथ ने माया से बहन उत्पन्न की थी. इसके अलावा विष्णु जी की बहन खुद देवी पार्वती थीं. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक जब पार्वती को बोध हुआ कि उनका जन्म महादेव के लिए हुआ है तो उन्होंने मनचाहे वर के लिए तप किया. महादेव की परीक्षा के चलते पार्वती विचलित होकर शिवलिंग नहीं बना पा रही थीं. तब विष्णु भगवान ने माता पार्वती की मदद की थी. माता पार्वती ने विष्णु जी को भाई कह कर संबोधित किया था. पार्वती की शादी में भी विष्णु जी ने भाई की भूमिका निभाई, जबकि ब्रह्माजी खुद पुरोहित की भूमिका में मौजूद थे.More Related News