
Premchand Birth Anniversary: यहां पढ़िए प्रेमचंद की वह कहानी जिसे उन्होंने सबसे पहले लिखा और प्रकाशित हुई
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PremChand Birth Anniversary: प्रेमचंद की बातें इसलिए, क्योंकि आज देश और हिंदी साहित्य उनकी जयंती मना रहा है. 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के लमही में जन्में थे प्रेमचंद. बाबू अजायबराय जो कि डाकखाना कर्मी थे, अपने इस लाडले का नाम रखा धनपत. लेकिन नाम के अनुसार ऐसा कभी हुआ नहीं कि प्रेमचंद कभी धनपति बन सके हों, जीवन आर्थिक विपन्नताओं में ही गुजरा.
नई दिल्लीः PremChand Birth Anniversary: हिंदी के दामन पर कलमी कसीदकारी करने वालों के नाम जब भी याद किए जाते हैं, मुंशी प्रेमचंद उन सभी में सबसे आगे और सबसे पहले खड़े दिखते हैं. उनके गढ़े पात्रों में चाहे होरी-धनिया हों या ईदगाह का हामिद, हीरा-मोती हों या फिर जुम्मन मियां और अलगू चौधरी ही क्यों न हों, कोई भी ऐसा नहीं दिखता जो समाज के ताने-बाने से जरा भी अलग-थलग दिखाई पड़े. परिस्थितियां असली खिलाड़ी हैं प्रेमचंद लिखी कहानियों में मंत्र के डॉ. चड्ढा की बेरुखी प्रधान है तो बूढ़ी अमीना के आंसूओं में करुणा की वो नदी है जो बहती है तो अपने साथ एक आस छोड़ती जाती है, अच्छाई और बुराई से परे ये दुनिया केवल एक दुनिया भर है. यहां परिस्थितियां असली खिलाड़ी हैं और हम सब इसके धागों से बंधे कठपुतलियों की तरह हैं.
Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.

India Nuclear Missile Force: दुनिया में आज के समय में सभी देश अपनी सैन्य शक्तियों को मजबूत कर रहे हैं. भारत ने भी पिछले कुछ दशकों में अपनी सैन्य ताकत में काफी मजबूती लाई है. भारत की परमाणु क्षमता की चर्चा दुनिया में अक्सर होती है, लेकिन इसे गहराई के साथ काफी कम लोग ही जानते हैं. भारत ने सिर्फ अग्नि श्रृंखला ही नहीं बल्कि जमीन, समुद्र, हवा और क्रूज मिसाइल सिस्टम का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है.









