
Plasma Therapy: क्या कोरोना मरीजों की जान बचा सकती है प्लाज्मा थेरेपी? कौन कर सकता है डोनेट, जानें
Zee News
इन दिनों अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन के साथ ही रिकवर हो चुके मरीजों के प्लाज्मा की भी मांग बढ़ गई है. तो आखिर प्लाज्मा थेरेपी क्या है और यह किस तरह से कोविड संक्रमित मरीज की मदद कर सकती है, यहां जानें.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस () के बढ़ते मामलों के बीच देश भर में अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन के साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir) और प्लाज्मा की मांग भी बढ़ गई है. ऐसा कहा जा रहा है कि गंभीर मरीजों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी () से मदद मिल सकती है इसलिए कोरोना वायरस से रिकवर हुए मरीजों के प्लाज्मा की मांग भी बढ़ गई है. ऐसे में प्लाज्मा थेरेपी क्या है, कोविड-19 के मरीजों (Covid-19 Patients) के लिए यह कैसे फायदेमंद हो सकता है और प्लाज्मा डोनेट करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इन सभी के बारे में यहां जानें आसान भाषा में. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो प्लाज्मा, खून का तरल हिस्सा होता है, जिसमें लाल और सफेद रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट्स होते हैं. कोरोना वायरस इंफेक्शन से रिकवर होने वाले मरीज का प्लाज्मा लेकर उसे कोविड-19 बीमारी से संक्रमित मरीज को दिया जाता है. प्लाज्मा में ही एंटीबॉडीज (Plasma has antibodies) होती हैं जो संक्रमित मरीज के इम्यून सिस्टम को इस जानलेवा बीमारी से लड़ने में मदद करती है. इससे संक्रमित मरीज के लक्षणों में कमी होने लगती है और मरीज की रिकवरी प्रक्रिया तेज (Speedy recovery) हो जाती है.More Related News
