
Pithori Amavasya 2021: कुशाग्रहणी अमावस्या कब? कुशा के बिना पूर्ण नहीं होती कोई भी पूजा, जानें महत्व व पूजा के नियम
ABP News
Kushagrahani Amavasya 2021: भाद्रपद अमावस्या को पिठौरी अमावस्या, कुशाग्रहणी अमावस्या भी कहते हैं. यह मास कृष्ण भक्ति के लिए समर्पित होता है. इस लिए इस मास के पर्वों का महत्व बढ़ जाता है.
Kushagrahani Amavasya 2021 Puja Rule: भाद्रपद मास विशेष रूप से कृष्ण भक्ति के लिए उत्तम होता है. इस कारण से भाद्रपद मास के पर्व और त्योहार के साथ-साथ इस मास में किये गए व्रत व पूजा पाठ का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. हिंदू धर्म शास्त्रों में भाद्रपद मास की अमावस्या को पिठौरी अमावस्या या कुशाग्रहणी या कुशोत्पाटिनी अमावस्या कहते हैं. इस अमावस्या का विशेष महत्व है. इस साल पिठौरी अमावस्या (Pithori amavasya) या कुशाग्रहणी (Kushagrahani Amavasya 2021) 7 सितंबर 2021, सोमवार को मनाई जाएगी. इस तिथि को स्नान, दान और पुण्य के साथ –साथ पितरों को तर्पण भी किया जाता है. इससे पितर बहुत प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं. इस लिए कुशाग्रहणी अमावस्या अति शुभकारी व मंगलकारी होती है.More Related News
