Pegasus से जासूसी कर रहीं सरकारें, सामने आई पहली लिस्ट में 40 भारतीय पत्रकार
The Quint
Pegasus project|Pegasus से जासूसी कर रहीं सरकारें, सामने आई पहली लिस्ट में 40 भारतीय पत्रकार. Forbidden stories and amnesty international investigation reveal govts spying on journos, politicians through pegasus. First list have 40 indian journalists
पेगासस (Pegasus) का काला पिटारा खुला गया है. दस देशों के मीडिया संस्थाओं ने और सैकड़ों पत्रकारों ने मिलकर खुलासा किया गया है कि इजरायली कंपनी NSO के स्पाईवेयर पेगासस के जरिए दुनिया भर की सरकारें पत्रकारों, कानून के क्षेत्र से जुड़े लोगों, नेताओं और यहां तक कि नेताओं के रिश्तेदारों की जासूसी करा रही है. फ्रांस की संस्था Forbidden stories और एमनेस्टी इंटरनेशनल (Emnesty international) ने मिलकर ये जानकारी जुटाई फिर दुनिया के कुछ चुनिंदा मीडिया संस्थानों से शेयर की है. इस जांच को 'पेगासस प्रोजेक्ट' नाम दिया गया है. निगरानी वाली लिस्ट में 1500 से ज्यादा नाम मिले. इस लिस्ट में 40 भारतीय पत्रकारों के नाम हैं.हालंकि ये साफ ये नहीं है कि इन लोगों के फोन हैक हुए हैं. लेकिन जितने सैंपल की जांच की गई उनमें से आधे से ज्यादा में पेगासस के ट्रेस पाए गए. जिन भारतीयों ने नाम सामने आए हैं उनमें बड़े समूहों के एडिटर शामिल हैं. खास बात ये है कि जासूसी के लिए कुछ पत्रकारों के नाम तब लिस्ट में शामिल किए गए जब वो पिछले साल 2019 में मई के आसपास सरकार से जुड़ी किसी खोजी खबर को कर रहे थे. भारतीय सरकार ने जासूसी के आरोपों से इंकार किया है.लीक हुई लिस्ट में हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे, नेटवर्क 18, द हिंदू और इंडियन एक्सप्रेस के टॉप पत्रकार शामिल हैं. इनमें हिंदुस्तान टाइम्स के शिशिर गुप्ता, द वायर के फाउंडिंग एडिटर सिद्धार्थ वरदराजन और एमके वेणु, द वायर के लिए लगातार लिखने वालीं रोहिणी सिंह का नाम है. लिस्ट में एक मेक्सिको के पत्रकार Cecilio Pineda Birto ke का भी नाम है जिनकी हत्या हो गई. कई देशों में लगे जासूसी के आरोपमेक्सिको की सरकार से लेकर सऊदी अरब सरकार पर नागरिकों की आवाज दबाने के लिए पेगासस के इस्तेमाल करने के आरोप लगा चुके हैं. मेक्सिको की सरकार NSO की पहली क्लाइंट कही जाती है. द वॉशिंगटन पोस्ट के कॉलमनिस्ट जमाल खशोगी की हत्या में पेगासस स्पाइवेयर का भी नाम आया था. WhatsApp ने साल 2019 में NSO पर आरोप लगाया था कि इसके स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल मई 2019 में दुनियाभर में WhatsApp के 1400 यूजर्स को टारगेट करने के लिए किया गया. इन लोगों में भारत के कई मानवाधिकार कार्यकर्त्ता, वकील और एक्टिविस्ट शामिल थे. जिन 121 भारतीय नागरिकों की सर्विलांस हुई थी, उनमें भीमा कोरेगांव मामले के वकील निहाल सिंह राठौड़, एल्ग...More Related News