Mahima Shanidev Ki: शनिदेव की कैलाश यात्रा में इंद्र के षड्यंत्रों के बीच नारायण ने भी ली कठिन परीक्षा, जानिए परिणाम
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Mahima Shanidev Ki: शनिदेव (Shani Dev) माता छाया के प्राण बचाने महादेव के पास गए तो भोलेनाथ से नियति बदलने का वर मिलने की संभावना देखते हुए विष्णु ने भी परीक्षा ली. जानिए कथा.
Mahima Shanidev Ki: शनिदेव देवराज इंद्र की ओर से डाली गई सभी बाधाएं पार कर कैलाश पर महादेव के निकट पहुंच चुके थे, लेकिन इसी समय उन्हें एक भद्रपुरुष नजर आए, जो दो बेहद वजनदार पात्रों में कुछ भर कर जंजीर से खींचते हुए गुजरे. शनि को देखकर दोनों ने एक साथ मार्ग पर चलने का निर्णय किया. इस दौरान भद्रपुरुष ने शनि से कैलाश जाने का प्रयोजन पूछा तो उन्होंने पूरा वाकया बयां कर दिया.
इस बीच पात्रों के वजन के चलते भद्रपुरुष के चलने की गति बेहद धीमी होने पर शनि ने पात्र के बारे में पूछा. इस पर भद्रपुरुष ने बताया कि पात्रों में उनके पिता समेत बुजुर्गों के सामान और धरोहरें हैं. जिन्हें वह छोड़ने की बजाय अपने साथ लेकर चलना चाहते हैं, लेकिन वह अधिक होने से तेजी से नहीं चल पा रहे हैं. उन्होंने इसे छोड़ने की इच्छा जताते हुए शनि से इसके उचित होने का सवाल किया तो शनि ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया.