
Mahabharat : कुरुक्षेत्र में एक योद्धा के कमलों की माला बनी थी भीष्म का काल
ABP News
काशी नरेश की बड़ी पुत्री अम्बा ही दूसरा जन्म लेकर महाभारतयुद्ध में शिखंडी के तौर पर शामिल हुईं और भीष्म वध का कारण बनीं. अम्बा की भीष्म से शत्रुता की वजह भाई विचित्रवीर्य के लिए उसका जबरन अपहरण और लौटाए जाने पर प्रेमी द्वारा तिरस्कार रहा. ऐसे में अपने आराध्य से मिली कमल माला को धारण कर वह भीष्म के लिए काल बनता है.
Mahabharat: काशी नरेश की तीन पुत्रियों का अपहरण कर भीष्म हस्तिनापुर में अपनी मां सत्यवती के पास लाते हैं, जहां अम्बिका और अम्बालिका तो राजा विचित्रवीर्य से विवाह को तैयार हो जाती हैं, लेकिन अम्बा बताती है कि वह राजकुमार शल्वा से प्रेम करती हैं और उनके पास ही लौटना चाहती हैं. भीष्म बात मानकर सम्मान के साथ उन्हें सौबल भेज देते है. मगर वहां शलवा उसे अपनाने से मना कर देते हैं, उन्हें अम्बा भीष्म की लौटाई भीख मालूम होती है. तब अम्बा के पास हस्तिनापुर लौटने के सिवा रास्ता नहीं बचता. अम्बा इसका दोषी भीष्म को मानते हुए उनके पास ही जाकर विवाह का आग्रह करती हैं, लेकिन भीष्म प्रतिज्ञाबद्ध होने के चलते मना कर देते हैं. तब अम्बा के नाना होत्रवाहना उन्हें परशुराम की आराधना को कहते हैं, क्योंकि परशुराम भीष्म के गुरु होते हैं, जिनकी बात वह कभी मना नहीं करते.More Related News
