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LoC-LAC पर इंडियन आर्मी की तगड़ी प्लानिंग, दुश्मन को पलक झपकाने तक का नहीं मौका; दनादन पहुंचा रही गोला-बारूद
Zee News
Indian Army supplying ammunition Drone: भारतीय सेना ने एक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जिससे जवानों की जान को कम खतरा होगा और सरहद पर सामान जल्दी पहुंचेगा. दरअसल, सेना ने ऊंचे पहाड़ों पर स्थित अपनी चौकियों पर गोला-बारूद और बाकी जरूरी सामान पहुंचाने के लिए अब ड्रोन का इस्तेमाल शुरू कर दिया है.
Indian Army supplying ammunition Drone: भारतीय सेना के लिए पहाड़ों पर, खासकर ऊंची जगहों पर, सामान पहुंचाना सबसे मुश्किल कामों में से एक होता है. वहां की हवा पतली होती है, रास्ता बहुत ही खतरनाक होता है और मौसम भी अचानक बदल जाता है. ऐसे में जवानों को भारी-भरकम गोला-बारूद और खाने-पीने का सामान अपने कंधों पर उठाकर ले जाना पड़ता है, जिसमें उनकी जान का खतरा बना रहता है. इस मुश्किल को दूर करने के लिए, भारतीय सेना ने अब आधुनिक तकनीक का सहारा लिया है. सेना ने बड़े-बड़े ड्रोन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जो इंसानों की जगह जोखिम भरे रास्तों पर सामान पहुंचाएंगे.

Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.









