
Ladakh से सैनिकों के लौटने के बाद खतरा कम हुआ लेकिन बिल्कुल खत्म नहीं: Manoj Mukund Naravane
Zee News
इंडियन आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि पैंगोंग में हालाज तब तक सामान्य नहीं कह सकते जब तक पीछे के इलाकों से हमारे सैनिक वापस नहीं आ जाते है. क्योंकि तनाव अब भी काफी है और टकराव की स्थिति हमेशा रहती है.
नई दिल्ली: आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Naravane) ने गुरुवार को कहा कि चीन के साथ समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील (Pangong Lake) इलाके से सैनिकों के हटने के बाद भारत के लिए खतरा केवल कम हुआ है, लेकिन यह बिल्कुल खत्म नहीं हुआ है. नरवणे ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में उन क्षेत्रों में अब भी बैठे हैं जो पिछले साल मई में गतिरोध शुरू होने से पहले भारत के नियंत्रण में थे. पर्वतीय क्षेत्र की स्थिति का रेफरेंस देते हुए नरवणे ने इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में कहा कि पीछे के इलाकों में सैन्य बल उसी तरह बरकरार है, जिस तरह यह सीमा पर तनाव के चरम पर पहुंचने के समय थी.
Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.

India Nuclear Missile Force: दुनिया में आज के समय में सभी देश अपनी सैन्य शक्तियों को मजबूत कर रहे हैं. भारत ने भी पिछले कुछ दशकों में अपनी सैन्य ताकत में काफी मजबूती लाई है. भारत की परमाणु क्षमता की चर्चा दुनिया में अक्सर होती है, लेकिन इसे गहराई के साथ काफी कम लोग ही जानते हैं. भारत ने सिर्फ अग्नि श्रृंखला ही नहीं बल्कि जमीन, समुद्र, हवा और क्रूज मिसाइल सिस्टम का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है.









