)
Kisan Andolan Demands: किसानों की MSP वाली मांग क्यों नहीं मान रही सरकार? आसान भाषा में समझें 3 कारण
Zee News
Kisan Andolan Demands: किसान एक बार फिर आंदोलनरत हो गए हैं. वे दिल्ली कूच करना चाहते हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें शंभू बॉर्डर पर रोक दिया है. आखिर किसानों की MSP वाली मांग सरकार क्यों नहीं मान रही, चलिए जानते हैं.
नई दिल्ली: Kisan Andolan Demands: किसानों और पुलिस के बीच एक बार फिर झड़प हुई है. 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच करना चाहता था. लेकिन पुलिस ने इन्हें एक बार फिर शंभू बॉर्डर पर रोक दिया था. झड़प के बबाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने आज के प्रदर्शन को स्थगित कर दिया है. उन्होंने कहा है कि वे आज के हालात की समीक्षा करेंगे. बहरहाल, किसान बीते कुछ दिनों से एक बार फिर एक्टिव हो गए हैं, वे सरकार के सामने एक बार फिर अपनी ताकत दिखा रहे हैं. उनकी कुछ मांगे हैं, जो सरकार नहीं मान रही है. किसानों की सरकार से क्या मांग है?किसान सरकार से MSP न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी चाहती हैं. वे चाहते हैं कि स्वामीनाथन रिपोर्ट के C2+500% फॉर्मूले को लागू किया जाए. यहां पर C2 का मतलब लागत से है. किसान चाहते हैं कि गन्ना खरीदी भी स्वामीनाथन रिपोर्ट के हिसाब से हो. ये किसानों की प्रमुख मांग है. किसानों की कुल 12 मांगे हैं, इनमें ये भी शामिल हैं:-- किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए.- किसान आंदोलन में मरे किसानों के परिवार को मुआवजा मिले..- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू हो.- विद्युत संशोधन विधेयक- 2020 रद्द हो.- लखीमपुर खीरी के कांड के दोषियों को सजा मिले.सरकार के लिए क्यों मुश्किल है MSP की मांग मानना?1. WTO के नियम: विश्व व्यापार संगठन (WTO) व्यापार के जुड़े वैश्विक नियम बनाता है. भारत भी इसका संस्थापक सदस्य है. भारत ने इसकी शर्तों पर हस्ताक्षर किए हैं. WTO की शर्त है कि MSP की गारंटी न हो. ये महज सब्सिडी देने वाली बात कहता हैं. MSP की गारंटी लागू करने के लिए सरकार को WTO की सदस्यता छोड़नी होगी.2. वित्तीय भार: वित्तीय वर्ष वर्ष 2020 में कुल MSP खरीद 2.5 लाख करोड़ रुपए थी, जो कृषि उपज का 6.25 फीसदी थी. ये MSP के तहत उपज का करीब 25% है. अब यदि सरकार MSP की गारंटी का कानून लाती है तो पर हर साल 10 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ने वाला है.3. कैसे तय होगी लागत: MSP लागू करने के लिए फसलों की कीमत भी तय करनी होगी. स्वामीनाथन फार्मूला फिर रिडिजाइन करना होगा, क्योंकि ये तब के हिसाब से रेट तय करता है. इसके बाद किसानों की लागत में बढ़ोतरी हुई है. अब सवाल ये है कि फसलों की लागत कौन तय करेगा.

36 MW Class Gas Turbine Engine: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कॉन्फ्रेंस में बताया कि नौसेना अब पूरी तरह स्वदेशी 36 मेगावॉट क्लास गैस टर्बाइन इंजन, अगली पीढ़ी की डीजल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम. फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक विकसित कर रही है. इनका पहला ऑपरेशनल संस्करण 2029 में नौसेना के जहाजों पर आने की उम्मीद है.

Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.








