Janmasatmi : जानिए वे दशाएं जिनके चलते तय होता है जन्माष्टमी व्रत
ABP News
श्रीकृष्णजी मथुरा के कारागार में कैद मां देवकी की आठवीं संतान के तौर पर भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी को पैदा हुए. इस वक्त आधी रात थी और चंद्रमा उदय हो रहा था.
Janmasatmi : पंचांग और पौराणिक आधार पर की गई गणना के मुताबिक अष्टमी पहले ही दिन आधी रात मौजूद हो तो जन्माष्टमी का व्रत पहले दिन होना चाहिए. मगर यह दूसरे दिन आधी रात से हो तो जन्माष्टमी का व्रत दूसरे दिन होता है. - अष्टमी दोनों दिन आधी रात को अगर होती है और आधी रात में रोहिणी नक्षत्र का योग एक ही दिन हो तो जन्माष्टमी व्रत रोहिणी नक्षत्र वाले दिन में होती है.More Related News