Independence Day: यहां भड़की थी अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह की पहली चिंगारी, पढ़ें हिंदुस्तान की आजादी की गाथा
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1858 में ब्रिटिश राजशाही से फरमान जारी हुआ कि भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन नहीं होगा बल्कि ब्रिटेन की महारानी के हाथों में शासन की कमान होगी यानी ब्रिटेन की सरकार का सीधा नियंत्रण एशिया के सबसे संपन्न देश भारत पर हो गया.
नई दिल्ली: भारत को अंग्रेजों से आजाद होने में दो सदियां लग गईं. क्या आप जानते हैं ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में पहली बार कब और कहां कदम रखा था? क्या आप जानते हैं कि अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह की पहली चिंगारी किस राज्य से उठी थी और विद्रोह का बिगुल किसने फूंका? क्या आप जानते हैं कि अंग्रेजों ने सबसे पहले फूट डालो और राज करो की नीति देश के किस हिस्से से शुरू की? ऐसे ही एक नहीं, कई दिलचस्प किस्से, जिनके बारे में आपने पहले शायद ही सुना होगा. बता दें कि राजपथ भारत का शक्ति केंद्र है. यहीं से हिंदुस्तान की सरकार देश चलाती है. साल 1947 से पहले यहां से ब्रिटिश भारत पर शासन चलाते थे. हिंदुस्तान एक दिन में या एक साल आजाद नहीं हुआ. भारत को अंग्रेजों से आजाद होने में दो सदियां लग गईं.More Related News
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