
Himachal Pradesh: कोरोना और मौसम की मार ने Tourism पर ढाया कहर, होटलों में खाली पड़े हैं कमरे
Zee News
COVID-19 के कारण पहले ही नुकसान में चल रही पर्यटन इंडस्ट्री पर मौसम की मार ने भी बुरा कहर ढाया है. स्थिति यह है कि हिमाचल प्रदेश के टूरिस्ट प्लेस (Tourist Place) पर होटलों (Hotels) में 90 फीसदी कमरे खाली पड़े हैं.
नई दिल्ली: पहले ही कोरोना (Corona) के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई टूरिज्म इंडस्ट्री (Tourism Industry) पर अब दूसरी मार मौसम की पड़ी है. पहाड़ी इलाकों वाले राज्यों में हो रही भारी बारिश और भूस्खलन ने इन हिल स्टेशनंस के टूरिज्म पर बुरा असर डाला है. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) भी इनमें से एक है. यहां की जिला पर्यटन अधिकारी (DTO) सुनैना शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि कांगड़ा जिले में कोरोना और उसके बाद भारी बारिश-भूस्खलन से पर्यटन पर नकारात्मक असर पड़ा है. हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा (Kangra) समेत कई ऐसे टूरिस्ट स्पॉट हैं, जहां बड़ी संख्या में देसी-विदेशी पर्यटक आते हैं. जिला पर्यटन अधिकारी ने कहा, 'मार्च 2020 से ही पर्यटन पर बुरा असर डालने में प्रमुख कारण COVID-19 रहा है. कांगड़ा समेत बीड, धर्मशाला जैसे हिल स्टेशन पर कई विदेशी पर्यटक आते हैं. कोरोना के अलावा हिमाचल प्रदेश में हुई भारी वर्षा ने भी पर्यटन को भी प्रभावित किया है. वैसे तो बारिश के मौसम में यहां पर्यटन कम रहता है लेकिन इस बार यहां काफी पर्यटक पहुंच रहे थे. कोविड-19 आने के बाद से पहली बार पर्यटन अच्छा हो रहा था लेकिन भूस्खलन आदि घटनाओं ने फिर इसे नीचे ला दिया.'
36 MW Class Gas Turbine Engine: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कॉन्फ्रेंस में बताया कि नौसेना अब पूरी तरह स्वदेशी 36 मेगावॉट क्लास गैस टर्बाइन इंजन, अगली पीढ़ी की डीजल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम. फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक विकसित कर रही है. इनका पहला ऑपरेशनल संस्करण 2029 में नौसेना के जहाजों पर आने की उम्मीद है.

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Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

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