HC से जमानत मिलने के 10 दिनों बाद भी Lalu Yadav नहीं हो सके रिहा, जानिए वजह
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झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने लालू प्रसाद यादव को 17 अप्रैल को दुमका कोषागार से गबन करने के मामले में जमानत दे दी थी.
रांची: बिहार के साबिक वज़ीरे आला और राष्ट्रीय जनता दल के सरबराह लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) बार काउंसिल की जानिब से अदालती वार्वाई से दूरी बनाने की वजह से झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) से जमानत मिलने के 10 दिन बाद भी जेल से बाहर नहीं आ सकें हैं. झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने यादव (Lalu Yadav) को 17 अप्रैल को दुमका कोषागार से गबन करने के मामले में जमानत दे दी थी. इसी के साथ लालू प्रसाद यादव का जेल से बाहर आने का अंदाज़ा लगाया जा रहा था, क्योंकि चारा घोटाले से मुतअल्लिक दूसरे मामलों में यादव को पहले ही जमानत मिल चुकी है,Swati Maliwal: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी, जिनमें दावा किया गया था कि पार्टी चाहती थी कि वह अपनी राज्यसभा सदस्यता छोड़ दे ताकि उसे एक 'विशेष वकील' को दिया जा सके. इस पर उन्होंने कहा, अगर पार्टी चाहती कि वह राज्यसभा सदस्यता छोड़ दें तो वह खुशी-खुशी इसे छोड़ देतीं.
Pune Porsche Crash: पुणे के पोर्श कार हादसे मामले में ट्विस्ट आया है. अब 17 साल के नाबालिग आरोपी ने दावा किया है कि घटना के समय वह कार नहीं चला रहा था बल्कि फैमिली ड्राइवर चला रहा था. हादसे के समय आरोपी के साथ मौजूद उसके साथियों ने भी इस दावे का समर्थन किया है. वहीं महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले और शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने दावा किया कि आरोपी को पुलिस स्टेशन में पिज्जा की पेशकश की गई.
West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के छठे चरण के मतदान से पहले नंदीग्राम में बुधवार की रात हिंसा भड़क उठी. इससे राज्य की सियासत गरमा गई है. यह घटना पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम विधानसभा के ब्लॉक नंबर एक के सोनचूरा गांव के मनसा बाजार की है. बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने कई भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों में घुसकर धारदार हथियारों से हमला किया.
Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना में बदलाव हो सकते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सेना एक आंतरिक सर्वे करा रही है. इस सर्वे में सामने आने वाले निष्कर्षों को देखते हुए आगे योजना में बदलाव को लेकर सरकार से सिफारिश की जा सकती है. हालांकि अभी इस संबंध में सेना या सरकार की ओर से कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.