Explainer: Repo Rate या MCLR? किस बेंचमार्क पर Home Loan लेना है फायदेमंद, समझिए दोनों में अंतर
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MCLR Vs Repo Rate Based Lending: एक समय था जब लोन लेने वाले ग्राहकों (Borrowers) की ये शिकायत रहती थी कि उन्हें ये समझ नहीं आता कि बैंक किस आधार पर लोन की ब्याज दरें तय करते हैं.
नई दिल्ली: MCLR Vs Repo Rate Based Lending: एक समय था जब लोन लेने वाले ग्राहकों (Borrowers) की ये शिकायत रहती थी कि उन्हें ये समझ नहीं आता कि बैंक किस आधार पर लोन की ब्याज दरें तय करते हैं. क्योंकि जब रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी करता है तो बैंक तुरंत ब्याज दरें बढ़ा देते हैं, लेकिन जब रेपो रेट में कटौती होती है तो बैंक ब्याज दरें घटाने में कोई उत्साह नहीं दिखाते. ऐसा नहीं है कि रिजर्व बैंक को ग्राहकों की ये परेशानी पता नहीं थी, उसे हमेशा से पता थी और रिजर्व बैंक ने इसे ठीक करने की कई कोशिशें भी कीं. बैंक जिस आधार पर ब्याज दरें तय करते हैं उस बेंचमार्क रेट को पारदर्शी बनाने के लिए कई कदम भी उठाए. बेंचमार्क का मतलब होता है कि बैंक इससे नीचे दर पर कोई लोन नहीं दे सकते हैं.More Related News