
DNA ANALYSIS: कोरोना संकट के बीच वैक्सीन की जमाखोरी, स्लो प्रोडक्शन की ये है बड़ी वजह
Zee News
Coronavirus Vaccine: अमेरिका ने ऐसे नियम बनाएं हैं, जिसकी वजह से दुनियाभर में वैक्सीन का प्रोडक्शन स्लो हो गया है. अमेरिका ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि, वो पहले अपने यहां वैक्सीन स्टॉक को मेंटेन करना चाहता है.
नई दिल्ली: आज डीएनए में हम वैक्सीन राष्ट्रवाद की बात करेंगे. इस समय दुनिया के अधिकतर देश कोरोना वायरस की वैक्सीन की कमी से जूझ रहे हैं, लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं जो वैक्सीन की जमाखोरी कर रहे हैं. अमेरिका ने तो ऐसे नियम बनाएं हैं, जिसकी वजह से दुनियाभर में वैक्सीन का प्रोडक्शन स्लो हो गया है क्योंकि, अमेरिका ने इसी वर्ष फरवरी में Defence Production Act लागू किया, जिसके तहत वहां की फार्मा कंपनियां जरूरी दवाओं के कच्चे माल को दूसरे देश में नहीं भेज सकती हैं. अमेरिका ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वो पहले अपने यहां वैक्सीन स्टॉक को मेंटेन करना चाहता है. उसके बाद दूसरे देशों को देने की मंशा है. ये एक तरह का वैक्सीन राष्ट्रवाद है, जिसमें वो अपने देश पर पहले ध्यान दे रहा है. अमेरिका की इस सोच की वजह से वैक्सीन बनाने के लिए हमें जरूरी कच्चा माल नहीं मिल रहा है, जिससे मार्च महीने से ही हमारे देश में वैक्सीन का निर्माण स्लो हो गया है.
36 MW Class Gas Turbine Engine: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कॉन्फ्रेंस में बताया कि नौसेना अब पूरी तरह स्वदेशी 36 मेगावॉट क्लास गैस टर्बाइन इंजन, अगली पीढ़ी की डीजल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम. फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक विकसित कर रही है. इनका पहला ऑपरेशनल संस्करण 2029 में नौसेना के जहाजों पर आने की उम्मीद है.

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Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.








