
DNA ANALYSIS: काबुल एयरपोर्ट या नर्क का द्वार? आसपास 40 हजार से ज्यादा गाड़ियों का लगा जाम
Zee News
इस समय सिर्फ चार तरह के लोग ही काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) के अन्दर जा सकते हैं. पहले वो जो दूसरे देशों से अफगानिस्तान में आए थे. दूसरे वो जो अलग-अलग देशों के राजनयिक हैं. तीसरे विदेशी पत्रकार हैं और चौथे वो जिनके पास किसी देश का Visa है.
नई दिल्ली: काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर इस समय नर्क से भी बद्तर स्थितियां हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट के आसपास कम से कम 80 हजार लोग हो सकते हैं. लेकिन हमारे सूत्रों के हिसाब से काबुल एयरपोर्ट के 5 किलोमीटर के दायरे में एक से डेढ़ लाख लोग जमा हैं. वहां पर तालिबान (Taliban) के आतंकवादियों ने भी अपनी तीन चेक पोस्ट बनाई हैं, जहां से भीड़ पर गोलियां चलाए जाने की कई खबरें आ चुकी हैं. अफगानिस्तान (Afghanistan) के एक न्यूज चैनल ने बताया है कि हर 8 से 10 मिनट में काबुल एयरपोर्ट के पास गोलियों की आवाजें आ रही हैं. इस गोलीबारी में अब तक 12 लोगों की मौत की खबर है लेकिन ये आंकड़ा और ज्यादा हो सकता है. एयरपोर्ट के बाहर तालिबानी बन्दूकों के साथ खड़े हैं तो एयरपोर्ट पर अमेरिका और NATO यानी North Atlantic Treaty Organization के देशों की सेनाओं का कब्जा है. एयरपोर्ट में किसे अन्दर आने दिया जाएगा और किसे नहीं, ये इन्हीं देशों की सेनाएं तय कर रही हैं. काबुल हवाई अड्डे पर इस समय एक ऐसी कंटीली दीवार है, जिसके एक तरफ अत्याचार और मौत है तो दूसरी तरफ एक अच्छी जिन्दगी की उम्मीद है. एक तरफ भयानक त्रासदी का मंजर है तो दूसरी तरफ मदद की आस है. काबुल एयरपोर्ट की ये दीवार और इस पर लगे कंटीले तार आपको दो देशों के बीच एक सीमा की भी याद दिलाएंगी, जिसमें एक देश के लोग किसी भी कीमत पर इस दीवार को गिरा कर दूसरे देश में जाना चाहते हैं.
36 MW Class Gas Turbine Engine: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कॉन्फ्रेंस में बताया कि नौसेना अब पूरी तरह स्वदेशी 36 मेगावॉट क्लास गैस टर्बाइन इंजन, अगली पीढ़ी की डीजल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम. फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक विकसित कर रही है. इनका पहला ऑपरेशनल संस्करण 2029 में नौसेना के जहाजों पर आने की उम्मीद है.

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Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

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