
Delhi Rain: बारिश ने तोड़ा 46 साल का रिकॉर्ड, एयरपोर्ट पर भी भरा पानी, ऑरेंज अलर्ट जारी
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आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा, 'सफदरजंग ऑब्जर्वेटरी ने 1975 के मानसून के मौसम में 1,150 मिलीमीटर बारिश दर्ज की थी. इस साल बारिश पहले ही 1,100 के आंकड़ें को पार कर गई है.
नई दिल्ली: इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने शनिवार को बताया कि इस साल मानसून के सबसे ज्यादा गैर-मामूली मौसम में दिल्ली में अभी तक 1,100 मिलीमीटर बारिश हुई जो 46 सालों में सबसे ज्यादा और पिछले साल दर्ज की गई बारिश से लगभग दोगुनी है. भारी बारिश का आलम यह रहा कि इंदिरा गांधी एयरपोर्ट ( IGI airport Submerged) पर भी कई फीट तक पानी भर गया. फिलहाल ये आंकड़ें बदल सकते हैं क्योंकि शहर में दिन में और बारिश का अंदाज़ा है. आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा, 'सफदरजंग ऑब्जर्वेटरी ने 1975 के मानसून के मौसम में 1,150 मिलीमीटर बारिश दर्ज की थी. इस साल बारिश पहले ही 1,100 के आंकड़ें को पार कर गई है और मानसून का मौसम अभी खत्म नहीं हुआ है.'
Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.









