Covaxin को वैश्विक मंजूरी मिलने में क्यों हो रही देरी? WHO ने दी सफाई
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कोवैक्सीन का निर्माण करने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने इस टीके के लिए 19 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन को ईओआई (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) सौंपा था. अब उसे WHO की मंजूरी का इंतजार है.
जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप भारत में कोरोना वैक्सीनेशन कैंपेन में इस्तेमाल किए जा रहे कोवैक्सीन टीके को लेकर एक अहम बैठक करने जा रहा है. 26 अक्टूबर को होने वाले इस बैठक में कोवैक्सीन को इमरजेंसी यूज के लिए लिस्टेड करने पर विचार किया जाएगा. वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी की चीफ साइंटिस्ट वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने यह जानकारी दी है. The technical advisory group will meet on Oct 26th to consider EUL for . has been working closely with to complete the dossier. Our goal is to have a broad portfolio of vaccines approved for emergency use & to expand access to populations everywhere
साथ ही WHO की ओर से बयान जारी कर यह बताया गया है कि आखिर वैक्सीन को मंजूरी देने में देरी क्यों हो रही है. WHO ने बयान जारी कर कहा है कि किसी भी वैक्सीन को मंजूरी देने से पहले उसका मूल्यांकन करना होता है कि वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है या नहीं. इस मूल्यांकन के प्रोसेस से किनारा नहीं किया जा सकता. WHO के मुताबिक किसी भी वैक्सीन को मंजूरी देने की प्रक्रिया की रफ्तार वैक्सीन को बनाने वाली कंपनी की ओर से मुहैया करवाने की रफ्तार पर निर्भर होती है. जितनी जल्दी वैक्सीन के डेटा से जुड़ी सभी जानकारियां और सभी सवालों के जवाब मिल जाते हैं उतनी जल्दी मंजूरी देने की प्रक्रिया भी हो जाती है. — Soumya Swaminathan (@doctorsoumya)
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमास के खिलाफ युद्ध में अगर जरूरत पड़ी तो उनका देश ‘अकेला भी खड़ा’ रहेगा. नेतन्याहू का यह बयान, बृहस्पतिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की उस चेतावनी के बाद आया जिसमें कहा गया है कि अमेरिका, इजराइल को दक्षिणी गाजा शहर रफह पर हमले के लिए हथियार मुहैया नहीं करेगा.