
Corona से ठीक हो गए तो भी रहें सतर्क, कई महीनों तक फेफड़ों पर रहता है असर
Zee News
शोधकर्ताओं का कहना है कि हाइपरपोलराइज्ड जेनन एमआरआई (एक्सईएमआरआई) स्कैन के जरिए कोविड-19 के कुछ मरीजों के फेफड़ों में तीन महीने और कुछ मामलों में तो नौ महीने बाद तक असामान्यता पाई गई जबकि उनके अन्य क्लिनिकल मानदंड सामान्य थे.
नई दिल्लीः Corona के कातिलाना संक्रमण के हर रोज नए-नए ऐसे उदाहरण सामने आ रहे हैं, जिनमें वायरस नए तरीके से मरीजों पर अटैक कर रहा है. पिछले दिनों दिल्ली में एक कोविड मरीज ब्लैक फंगस से पीड़ित पाया गया था. ब्लैक फंगस ने मरीज की आंत में छेद कर दिया था. अब कोरोना के बारे में एक और डराने वाली जानकारी सामने आई है. एक अध्ययन में पता चला है कि संक्रमण के काफी समय बाद भी फेफड़ों पर कोरोना का असर रह सकता है.
Stealth vs Non-Stealth Fighter Jets: दुनिया आज तकनीकी क्षेत्र में काफी ज्यादा आगे बढ़ चुकी है. आज लगभग सभी देशों के सैन्य बेड़े में कई खतरनाक फाइटर जेट्स शामिल हैं. आज के फाइटर जेट्स इतने एडवांस हो चुके हैं कि हवा में उड़ने के बाद लगभग गायब हो जाते हैं. लेकिन एक समय पर दुनिया नॉन स्टील्थ जेट्स के ऊपर निर्भर थी.

Canada AIR Strike Weapons: DSCA के मुताबिक कनाडा ने अपनी एयर-टू-ग्राउंड स्ट्राइक क्षमता को मजबूत करने के लिए बड़ी संख्या में प्रिसिजन-गाइडेड बम, गाइडेंस किट और टेस्ट सिस्टम की मांग की है. इस पैकेज में हज़ारों स्मॉल डायमीटर बम (SDB-I और SDB-II), JDAM गाइडेंस किट, प्रैक्टिस बम, टेस्ट व्हीकल और भारी जनरल-पर्पज बम शामिल हैं.

TULPAR and COBRA II at Expodefensa 2025: यह कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में होगा. कोर्फेरियास एग्जिबिशन सेंटर में आयोजित हो रहे इस इवेंट में कंपनी अपने मशहूर TULPAR और COBRA II व्हीकल्स के स्केल मॉडल्स प्रदर्शित करेगी. साथ ही साउथ अमेरिका में नई साझेदारियों, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस करेगी.




