
Corona: पहली और दूसरी लहर में रहा बड़ा फर्क, ICMR की स्टडी में चौंकाने वाले खुलासे
Zee News
कोरोना की पहली लहर (Covid First Wave) और कोरोना की दूसरी (Covid Second Wave) में तुलना की गई है. तुलना में दोनों के बीच में कुछ बड़े फर्क सामने आए हैं.
नई दिल्ली: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR), एम्स (AIIMS) और नेशनल क्लीनिकल रजिस्ट्री ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर का आंकलन किया है. दोनों के बीच में कुछ बड़े फर्क सामने आए हैं. सर्वे Indian Journal of Medical Research में छपा है. यह आंकलन 18961 मरीजों पर किया गया जिसमें से पहली लहर के 12059 मरीज थे और दूसरी लहर के 6903 मरीज हैं. यह देखा गया कि दूसरी लहर में चपेट में आने वाले लोगों की औसत उम्र पहली लहर के मुकाबले काफी कम थी दूसरी लहर में 48.7 उम्र के लोग चपेट में हैं जबकि पहली लहर में यह आयु लगभग 51 वर्ष थी. हालांकि दोनों ही लहर में 70% मरीज 40 वर्ष की उम्र से ज्यादा के थे दूसरी लहर में पुरुषों की संख्या पहली लहर के मुकाबले थोड़ी सी कम रही. दूसरी लहर में 63.7% पुरुष चपेट में आए जबकि पहली लहर में 65.4% पुरुष कोरोना वायरस (Coronavirus) की चपेट में आए थे.
Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.









