
Chandrayaan2 के सफल परीक्षण का दिन आज, पूरी दुनिया ने माना था भारतीय वैज्ञानिकों का लोहा
Zee News
Chandrayaan-2 Launching: भारत के इस मिशन पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई थीं. साथ ही इस मिशन से पूरे देश को बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन 7 सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग से पहले लैंडर विक्रम का संपर्क टूट गया था.
नई दिल्ली: 22 जुलाई भारत की तारीख में एक अहम दिन है. दरअसल साल 2019 को आज ही दिन इसरो (ISRO) ने चांद के अनछुए हिस्से का पता करने के लिए चंद्रायान-2 (Chandrayaan-2) का कामयाब परीक्षण किया था. चंद्रयान-2 (Chandrayaan2) को श्रीहरिकोटा में मौजूद सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) से शान के साथ रवाना किया गया. UPA सरकार ने दी थी मंजूरी साल 2008 में तत्कालीन UPA सरकार ने इस मिशन को मंजूरी दी थी. पहले इसे 2013 में लॉन्च किया जाना था. रूस के ज़रिए लैंडर नहीं मिलने पर इसे अप्रैल 2018 तक टाल दिया गया था. उसके बाद कई बार लॉन्च करने का फैसला टाला गया और आखिरकार 22 जुलाई 2019 को इसे लॉन्च किया गया.
36 MW Class Gas Turbine Engine: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कॉन्फ्रेंस में बताया कि नौसेना अब पूरी तरह स्वदेशी 36 मेगावॉट क्लास गैस टर्बाइन इंजन, अगली पीढ़ी की डीजल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम. फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक विकसित कर रही है. इनका पहला ऑपरेशनल संस्करण 2029 में नौसेना के जहाजों पर आने की उम्मीद है.

Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.








