Chanakya Niti: दूसरों को भुगतनी पड़ती है इन 4 लोगों के पाप की सजा
Zee News
अक्सर आपने लोगों को यह कहते सुना होगा कि वे दूसरों के पाप की सजा भुगत रहे हैं. कई बार जीवन में हमारे द्वार कोई गलत कार्य न करने के बावजूद हमें खुद से जुड़े दूसरे लोगों की गलतियों या पाप की सजा भुगतनी पड़ती है. इस बारे में क्या कहती है चाणक्य नीति, जानें.
नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य, एक कुशल राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ होने के साथ ही प्रकांड अर्थशास्त्री और विख्यात समाजशास्त्री भी थे. उन्होंने नीति शास्त्र (Niti Shastra) की रचना की और इसके माध्यम से अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर कई महत्वपूर्ण बातें बतायीं. चाणक्य (Acharya Chanakya) की इस नीति शास्त्र को ही चाणक्य नीति () के नाम से जाना जाता है. चाणक्य नीति के एक श्लोक में आचार्य चाणक्य कर्मों की बात करते हैं. ये तो हम सभी जानते हैं कि हमें वैसा ही फल मिलता है जैसे हमारे कर्म होते हैं यानी अच्छे और बुरे दोनों ही कर्मों की सजा हमें इसी जीवन में मिल जाती है. लेकिन कई बार इंसान को दूसरों के कर्मों की भी सजा भुगतनी पड़ सकती है. इस बारे में क्या कहती है चाणक्य नीति यहां जानें. पंडित विष्णुगुप्त चाणक्य की विश्व प्रसिद चाणक्य नीति के छठे भाग के 9वें श्लोक में चाणक्य कहते हैं:राजा राष्ट्रकृतं पापं राज्ञः पापं पुरोहितः । भर्ता च स्त्रीकृतं पापं शिष्यपापं गुरुस्तथा।।।More Related News