
Chanakya Niti: इस एक बुरी आदत से बिगड़ जाते हैं सारे काम, इस बारे में क्या कहते हैं चाणक्य, यहां पढ़ें
Zee News
आचार्य चाणक्य, चाणक्य नीति में लिखे एक श्लोक के माध्यम से बता रहे हैं कि जिस व्यक्ति का मन चंचल है और जिसे दूसरों को देखकर ईर्ष्या महसूस होती है उस व्यक्ति को न तो समाज के बीच रहकर खुशी मिलती है और ना ही अकेले.
नई दिल्ली: एक कुशल अर्थशास्त्री और समाजशास्त्री के रूप में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के प्रसिद्ध विद्वानों में आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) का नाम लिया जाता है. चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में कई ऐसी बातों का जिक्र किया गया है जिसका महत्व आज के समय में भी उतना ही अधिक है जितना सैकड़ों साल पहले था. इन नीतियों का अनुसरण करके व्यक्ति जीवन में सफलता हासिल कर सकता है और सभी तरह की परेशानियां भी दूर हो सकती हैं. चाणक्य नीति के 13वें अध्याय के 15वें श्लोक में चाणक्य कहते हैं: अनवस्थितकायस्य न जने न वने सुखम्। जनो दहति संसर्गाद् वनं संगविवर्जनात।।More Related News
