
Chaitra Navratri Day 3: नवरात्रि के तीसरे दिन ऐसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा, भक्तों के समस्त डर को दूर करती हैं माता रानी
Zee News
चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है. असुरों के संहार के लिए माता ने यह रूप धारण किया था. कैसे करनी चाहिए मां चंद्रघंटा की पूजा और उनसे जुड़ी पौराणिक कथा क्या है, इस बारे में यहां पढ़ें.
नई दिल्ली: 13 अप्रैल से शुरू हुई चैत्र नवरात्रि का आज तीसरा दिन है. इस दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा () की पूजा होती है. ऐसी मान्यता है कि माता के ललाट पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान है इसलिए माता को चंद्रघंटा के नाम से पुकारा जाता है. माता ने असुरों का नाश करने के लिए इस रूप को धारण किया था. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां चंद्रघंटा की पूजा करने से व्यक्ति के अंदर वीरता और निर्भयता आती है और उसके समस्त डर और परेशानियां (Problems are solved) दूर हो जाती हैं. मां चंद्रघंटा का स्वरूप सौम्य और शांति से भरा है और देवी को कल्याणकारी माना गया है. देवी की सवारी शेर है. माता चंद्रघंटा की दस भुजाएं हैं और उन्होंने हर एक भुजा में धनुष, त्रिशुल, तलवार और गदा जैसे शस्त्रों (Weapons in each hands) को धारण कर रखा है. इनका रंग स्वर्ण के समान चमकीला है. मां चंद्रघंटा का यह रूप मोहक और अलौकिक है और माता की कृपा से कई बार भक्त को दिव्य सुगंधियों या दिव्य ध्वनियों का भी अनुभव होता है.More Related News
