Calcutta High Court का बड़ा आदेश, चुनाव के बाद हिंसा की जांच करेगी CBI
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हाईकोर्ट (High Court) के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल (Rajesh Bindal) की बैंच ने अपने फैसले में कहा कि चुनाव के बाद हिंसा की जांच सीबीआई करेगी.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) के दौरान हुई हिंसा के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने बड़ा आदेश सुनाया है. हाईकोर्ट (High Court) के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल (Rajesh Bindal) की बैंच ने अपने फैसले में कहा कि चुनाव के बाद हिंसा की जांच सीबीआई करेगी. जबकि अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय सिट (SIT) का गठन किया गया है. Calcutta High Court orders a court-monitored CBI probe into the incidents of post-poll violence in West Bengal — ANI (@ANI)Swati Maliwal: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी, जिनमें दावा किया गया था कि पार्टी चाहती थी कि वह अपनी राज्यसभा सदस्यता छोड़ दे ताकि उसे एक 'विशेष वकील' को दिया जा सके. इस पर उन्होंने कहा, अगर पार्टी चाहती कि वह राज्यसभा सदस्यता छोड़ दें तो वह खुशी-खुशी इसे छोड़ देतीं.
Pune Porsche Crash: पुणे के पोर्श कार हादसे मामले में ट्विस्ट आया है. अब 17 साल के नाबालिग आरोपी ने दावा किया है कि घटना के समय वह कार नहीं चला रहा था बल्कि फैमिली ड्राइवर चला रहा था. हादसे के समय आरोपी के साथ मौजूद उसके साथियों ने भी इस दावे का समर्थन किया है. वहीं महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले और शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने दावा किया कि आरोपी को पुलिस स्टेशन में पिज्जा की पेशकश की गई.
West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के छठे चरण के मतदान से पहले नंदीग्राम में बुधवार की रात हिंसा भड़क उठी. इससे राज्य की सियासत गरमा गई है. यह घटना पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम विधानसभा के ब्लॉक नंबर एक के सोनचूरा गांव के मनसा बाजार की है. बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने कई भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों में घुसकर धारदार हथियारों से हमला किया.
Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना में बदलाव हो सकते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सेना एक आंतरिक सर्वे करा रही है. इस सर्वे में सामने आने वाले निष्कर्षों को देखते हुए आगे योजना में बदलाव को लेकर सरकार से सिफारिश की जा सकती है. हालांकि अभी इस संबंध में सेना या सरकार की ओर से कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.