Brazil के Health System ने Corona के आगे दम तोड़ा, Hospitals में नहीं हैं दवाएं, Patients को बांधकर रख रहे Doctors
Zee News
रियो डी जनेरियो और साओ पाउलो में Sedatives की भारी कमी हो गई है. साओ पाउलो के स्वास्थ्य सचिव ने यहां तक कह दिया है कि गंभीर कोरोना मरीजों को संभालने की शहर की क्षमता खत्म हो रही है. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आपातकालीन दवाओं को प्राप्त करने के लिए अन्य देशों से बातचीत चल रही है.
ब्रासिलिया: ब्राजील (Brazil) में कोरोना (Coronavirus) बेकाबू हो गया है. यहां हर रोज इतने मामले सामने आ रहे हैं कि डॉक्टरों के लिए उन्हें संभालना मुश्किल हो गया है. वहीं, अस्पतालों में दवाओं की कमी ने हालात और भी ज्यादा खराब कर दिए हैं. स्थिति ये है कि कई अस्पतालों में मरीजों को बेड से बांधकर रखना पड़ रहा है. न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉक्टरों को शामक औषधि (Sedatives) के बिना ही मरीजों को इंटुबैशन प्रक्रिया से गुजारना पड़ रहा है. इंटुबैशन एक प्रक्रिया है, जिसमें वेंटिलेटर द्वारा मरीज को ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है, जब मरीज खुद सांस लेने में परेशानी का अनुभव करता है. Albert Schweitzer म्युनिसिपल अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा कि दवाओं की भारी कमी हो गई है. Sedatives का स्टॉक बढ़ाने के लिए हमें उसे डाइल्यूट करना पड़ रहा है. हालांकि, जब ये खत्म हो जाती है तो हमें न्यूरोमस्कुलर ब्लॉकर्स का उपयोग करने और मरीजों को उनके बेड से बंधने के लिए मजबूर होना पड़ता है.हत्या की एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे सुन हर कोई हैरान-परेशान है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो एक 28 वर्षीय शख्स ने अपनी 26 वर्षीय पत्नी की क्रूरता से चाकू मारकर हत्या कर दी. इसके बाद उसके मृत शरीर को 200 से अधिक टुकड़ों में काट दिया और उन टुकड़ों को अपने दोस्त की मदद से नदी में बहा दिया. इसके लिए उसने अपने दोस्त को 5000 रुपये भी दिए.
द गार्जियन ने भारत और पाकिस्तान के कुछ खुफिया कर्मचारियों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों की टारगेटेड किलिंग करवाई. हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे 'झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार'बताया. मंत्रालय ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पिछले खंडन पर जोर दिया कि अन्य देशों में टारगेटेड किलिंग 'भारत सरकार की नीति के अनुरूप नहीं थीं.'