Biomedical waste: कोरोना काल का बायो मेडिकल वेस्ट बना सबसे बड़ी परेशानी, 23 राज्यों में इससे बढ़ सकता है संक्रमण
ABP News
कोरोना काल में 32996 मीट्रिक टन बायो मेडिकल वेस्ट जमा हो गया जिसके कारण 23 राज्यों में कोरोना संक्रमण का खतरा पैदा हो गया. इस वेस्ट को इधर-उधर फेंक दिया गया है. जो आम लोगों के लिए परेशानी बन सकती है. इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पॉपुलेशन साइंस ने इसके प्रति आगाह किया है.
पिछले एक साल से ज्यादा समय से कोरोना महामारी ने दुनिया को हलकान कर रखा है. जिस रफ्तार से इसका संक्रमण लोगों में बढ़ रहा है इसी रफ्तार से दुनिया भर में बायो मेडिकल वेस्ट का पहाड़ खड़ा होने लगा है. कोरोना रोगियो के इलाज में जो चीजें इस्तेमाल होती है, वे इस्तेमाल होने के बाद इधर-उधर फेंक दिए जाते हैं. मसलन कोरोना रोगियों को लगने वाले इंजेक्शन, उसके कपड़े और अन्य तरह की चीजें जिसका इस्तेमाल रोगो बीमारी के दौरान करते हैं, उन चीजों में खतरनाक रसायन होते हैं. इसे इधर-उधर फेंकने से उल्टा कोरोना के संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है. भारत बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण में बहुत ज्यादा फिसड्डी है. कोरोना के बाद से मेडिकल वेस्ट का निस्तारण बड़ी चुनौती बन गया है. राज्य के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मेडिकल वेस्ट दो से दस गुणा तक बढ़ गया है. इसके निस्तारण का खर्च बचाने के लिए अस्पताल मेडिकल वेस्ट को सामान्य कचरे में मिलाकर खुले में फेंक रहे हैं, जो कई बीमारियों का कारण बन सकता है.More Related News