Assembly Election 2021: Assam में फिर खिला ‘कमल’, लेकिन CM पर फैसला करना BJP के लिए नहीं होगा आसान
Zee News
असम (Assam) में दूसरी बार कमल खिलना लगभग तय है. विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2021) के अब तक सामने आए रुझानों में भाजपा (BJP) को बहुमत मिल गया है.
नई दिल्ली: असम (Assam) में दूसरी बार कमल खिलना लगभग तय है. विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2021) के अब तक सामने आए रुझानों में भाजपा (BJP) को बहुमत मिल गया है. वैसे तो यह पहले से ही माना जा रहा था कि राज्य में भाजपा की सत्ता में वापसी तय है, लेकिन चुनावी ऊंठ अंत में किस करवट बैठ जाए कुछ नहीं कहा जा सकता. असम में जीत के बाद भाजपा को एक मुश्किल सवाल से गुजरना है और वो यह है कि राज्य की कमान किसे सौंपी जाए? फिलहाल सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं, लेकिन चुनाव पूर्व जिस तरह से आलाकमान ने अपनी रणनीति में बदलाव किया था, उससे यह संकेत मिला था कि पार्टी सोनोवाल को फिर से यह जिम्मेदारी सौंपने के मूड में नहीं है. दरअसल, सर्बानंद सोनोवाल को लेकर पार्टी में नाराजगी है. कुछ नेताओं की शिकायत रही है कि सोनोवाल का विधायकों और क्षेत्रीय नेताओं के साथ कोई समन्वय नहीं है. वैसे तो इस तरह की शिकायतें आम होती हैं, लेकिन सोनोवाल को लेकर पार्टी में कुछ ज्यादा ही गुस्सा है. यही वजह रही कि कलह से बचने के लिए आलाकमान ने चुनाव से पहले किसी को सीएम प्रोजेक्ट नहीं किया था. जबकि 2016 में असम विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने सोनोवाल को सीएम का चेहरा घोषित किया था, तब वह केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री थे. इससे पता चलता है कि इन कुछ सालों में सोनोवाल को लेकर आलाकमान की सोच में बदलाव आया है. हालांकि, इसका ये मतलब नहीं कि सर्बानंद सोनोवाल की पार्टी पर पकड़ कमजोर हो गई है. उनका समर्थन करने वालों की भी कमी नहीं है और सबसे बड़ी बात कि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए भाजपा ने पुन: इतना शानदार प्रदर्शन किया है. ऐसे में पार्टी के लिए मुख्यमंत्री का चुनाव करना आसान नहीं होगा.Swati Maliwal: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी, जिनमें दावा किया गया था कि पार्टी चाहती थी कि वह अपनी राज्यसभा सदस्यता छोड़ दे ताकि उसे एक 'विशेष वकील' को दिया जा सके. इस पर उन्होंने कहा, अगर पार्टी चाहती कि वह राज्यसभा सदस्यता छोड़ दें तो वह खुशी-खुशी इसे छोड़ देतीं.
Pune Porsche Crash: पुणे के पोर्श कार हादसे मामले में ट्विस्ट आया है. अब 17 साल के नाबालिग आरोपी ने दावा किया है कि घटना के समय वह कार नहीं चला रहा था बल्कि फैमिली ड्राइवर चला रहा था. हादसे के समय आरोपी के साथ मौजूद उसके साथियों ने भी इस दावे का समर्थन किया है. वहीं महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले और शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने दावा किया कि आरोपी को पुलिस स्टेशन में पिज्जा की पेशकश की गई.
West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के छठे चरण के मतदान से पहले नंदीग्राम में बुधवार की रात हिंसा भड़क उठी. इससे राज्य की सियासत गरमा गई है. यह घटना पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम विधानसभा के ब्लॉक नंबर एक के सोनचूरा गांव के मनसा बाजार की है. बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने कई भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों में घुसकर धारदार हथियारों से हमला किया.
Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना में बदलाव हो सकते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सेना एक आंतरिक सर्वे करा रही है. इस सर्वे में सामने आने वाले निष्कर्षों को देखते हुए आगे योजना में बदलाव को लेकर सरकार से सिफारिश की जा सकती है. हालांकि अभी इस संबंध में सेना या सरकार की ओर से कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.