America ने तोड़ी आस, अब जान बचाने के लिए Border पार करने का जोखिम उठा रहे अफगानी
Zee News
अफगानिस्तान से निकलने के लिए लोग बड़ी संख्या में सीमाई क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि बॉर्डर पार करके वो खुद को तालिबान से बचा सकेंगे. हालांकि, ये काम इतना आसान नहीं है. इनमें वो अफगानी भी शामिल हैं, जिन्होंने मुश्किल समय में यूएस की मदद की थी, लेकिन वो उन्हें अकेला छोड़ गया.
काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) में अमेरिका की 20 सालों की सैन्य मौजूदगी खत्म हो चुकी है. काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पूरी तरह तालिबान (Taliban) के हवाले है. ऐसे में मुल्क छोड़कर जाने वाले अफगानियों की भीड़ सीमाई क्षेत्रों की तरफ बढ़ रही है, ताकि किसी तरह बॉर्डर पार कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा जा सके. हालांकि, ये इतना आसान नहीं है, क्योंकि अफगानिस्तान के पड़ोसियों ने शरणार्थियों को अपनाने में खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है. बॉर्डर का रुख करने वालों में वो अफगानी भी शामिल हैं, जिन्होंने अमेरिका की सहायता की, लेकिन मुश्किल वक्त में वो उन्हें मरने के लिए छोड़ गया. अमेरिकी पासपोर्ट धारक (U.S. Passport Holder) और अमेरिकी सेना (US Army) के लिए काम करने वाले हुसैन (Hussain) को उम्मीद थी कि यूएस सैनिक अफगानिस्तान से उन्हें सुरक्षित बाहर ले जाएंगे. इस उम्मीद में वो अपनी छह बेटियों के साथ कई दिनों तक काबुल हवाईअड्डे पर डेरा डाले रहे. एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए उन्हें कई खतरों से गुजरना पड़ा. क्योंकि तालिबान ने जगह-जगह चेकपोस्ट बनाई हैं. उन्होंने यूएस एंबेसी से मदद की गुहार लगाई और जवाब के इंतजार में कई दिन गुजार दिया. फिर एक दिन जब अमेरिकी सैन्य अधिकारी का कॉल आया, तो उनकी उम्मीद एक झटके में टूट गई.More Related News