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AK-203 और INSAS में कितना दम, इंडियन आर्मी के लिए कौनसी बेस्ट राइफल?
Zee News
AK-203 Vs INSAS: भारतीय सेना के पास INSAS राइफल है, जिसे अब AK-203 से बदला जा रहा है. AK-203 को AK-47 बंदूक से अधिक ताकतवर बनाया गया है. चलिए जानते हैं कि INSAS और AK-203 में क्या फर्क है, कौनसी राइफल इंडियन आर्मी के लिए मुफीद है.
नई दिल्ली: AK-203 Vs INSAS: भारत में सेना के आधुनिकरण का दौर चल रहा है. पुराने हथियारों को नए हथियारों से रिप्लेस किया जा रहा है. जर्जर हो चुके हथियारों की जगह नई तकनीक वाले वेपन लाए जा रहे हैं. भारत AK-203 राइफल को यूपी के ही अमेठी में बना रहा है. ये बंदूक न सिर्फ AK-47 का जवाब है, बल्कि सेना के पास INSAS राइफल से भी आधुनिक है.

Indian Army buying 850 Kamikaze drones: भारतीय सेना ने अपनी मारक क्षमता को और भी घातक बनाने के लिए 2,000 करोड़ रुपये की लागत से 850 कामिकेज यानी आत्मघाती ड्रोन खरीदने का फैसला किया है. ये ड्रोन 'लोइटरिंग म्यूनिशन' कहलाते हैं, जो हवा में शिकार की तलाश में घूमते हैं और लक्ष्य मिलते ही उससे टकराकर धमाका कर देते हैं. रक्षा मंत्रालय की डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) इस महीने के आखिरी हफ्ते में इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे सकती है.

Indian Air Force squadrons: भारतीय रक्षा मंत्रालय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की संख्या बढ़ाने के लिए एक नए प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहा है. अभी तक वायुसेना के लिए 42 स्क्वाड्रन की संख्या तय थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 50 या उससे भी ज्यादा करने की योजना है. मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष ऑपरेशन सिंदूर से मिले कड़े सबकों के बाद यह फैसला लिया जा रहा है ताकि लंबे समय तक चलने वाले युद्ध में भारत का पलड़ा भारी रहे.

Israel defence shift to India: यूरोप के कई देशों द्वारा सैन्य सामानों की सप्लाई पर पाबंदी लगाने के बाद इजरायल अब अपनी रणनीति बदल रहा है. इजरायल अब हथियारों के पुर्जों और कल-पुर्जों के लिए यूरोप पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है. इसके लिए इजरायल ने भारत को अपना सबसे भरोसेमंद ठिकाना चुना है. अब इजरायली कंपनियां भारत में ही अपने हथियारों का निर्माण और रखरखाव करने की योजना बना रही हैं.

DRDO stealth lab Bistatic: यह सफलता भारत को हवाई युद्ध के मामले में एक महाशक्ति बनाने की दिशा में सबसे बड़ा फैसला है. अब भारत के पास अपनी अदृश्य सेना बनाने की पूरी चाबी मौजूद है. जिसके बाद IAF के लड़ाकू विमानों के पास अदृश्य होने की जबरदस्त ताकत होगी. जिससे जंग के मैदान में भारत को बड़ी बढ़त हासिल होगी.

RV Lakshya drone: हैदराबाद स्थित Raghu Vamsi ग्रुप के ARROBOT डिवीजन ने रक्षा क्षेत्र में अपनी ताकत दिखाते हुए 'RV Lakshya' नाम का एक स्वदेशी जेट-पावर्ड टारगेट ड्रोन लॉन्च किया है. यह ड्रोन खास तौर पर भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के अभ्यास के लिए बनाया गया है. यह हवा में बिल्कुल एक असली दुश्मन के लड़ाकू विमान या मिसाइल की तरह उड़ता है, ताकि हमारी सेनाएं अपनी मिसाइलों और हथियारों का सटीक निशाना लगा सकें.

बिजली की रफ्तार से फाइटर जेट गिरफ्तार! अरेस्टिंग केबल से होता है यह कमाल; टूट जाए वायर तो क्या होगा?
Fighter jet Arresting Wire: फाइटर जेट को लैंड करने और उड़ान भरने के लिए कम से कम 500 मीटर के रनवे की जरूरत होती है, लेकिन एयरक्राफ्ट कैरियर पर फाइटर जेट 150 से 200 मीटर के रनवे पर लैंड कर जाता है. यह लैंडिंग अरेस्टिंग केबल से होती है, हवा से बात करने वाले फाइटर जेट को एक सेकेंड में जाम कर देता है.

AMCA Mark-2 Engine: भारत को AMCA फाइटर जेट के लिए सैफ्रान एक ऐसा इंजन देगा, जो AMCA मार्क-2 में फिट बैठ जाए. यह एक ऐसा ताकतवर इंजन होगा, जो बिना आफ्टरबर्न सूपरक्रूज उड़ान भरेगा. इस इंजन का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जब भी भारत 6वीं पीढ़ी का फाइटर जेट बनाएगा तो इसी इंजन को अपग्रेड करके इस्तेमाल कर सकता है.






