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77 साल पहले भारत में उतरा था एशिया का पहला फाइटर जेट, इंडियन एयरफोर्स के 'बेंट नेल्स' बने पहले पायलट
Zee News
Indian Air Force 2025: आज इंडियन एयरफोर्स अपना 93वां स्थापना दिवस मना रहा है. जिसके लिए हिंडन एयरबेस पर भारत के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों और हथियारों का प्रदर्शन किया जा रहा है. ऐसे में जानना बेहद दिलचस्प हो जाता है कि इंडियन एयरफोर्स का पहला फाइटर जेट भारत की धरती पर कब आया और इसे उड़ाने वाले पायलट कौन थे.
India Air force first pilots: आज भारतीय वायुसेना दिवस के मौके पर हम उस ऐतिहासिक पल को याद कर रहे हैं जब देश ने पहली बार फाइटर जेट विमान का अनुभव किया था. साल 1948 की बात है. दिल्ली के पालम एयरफील्ड पर एशिया का पहला जेट लड़ाकू विमान उतरा था. इस विमान का नाम था 'डी हैविलैंड वैम्पायर'. इस जेट को उड़ाने की चुनौती इंडियन एयरफोर्स के चार बहादुर पायलटों ने स्वीकार की, जिन्हें 'बेंट नेल्स' नाम दिया गया. इन जांबाजों ने न केवल इतिहास रचा, बल्कि भारतीय वायुसेना के लिए जेट विमानों के एक नए और आधुनिक युग का दरवाजा भी खोल दिया.

36 MW Class Gas Turbine Engine: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कॉन्फ्रेंस में बताया कि नौसेना अब पूरी तरह स्वदेशी 36 मेगावॉट क्लास गैस टर्बाइन इंजन, अगली पीढ़ी की डीजल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम. फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक विकसित कर रही है. इनका पहला ऑपरेशनल संस्करण 2029 में नौसेना के जहाजों पर आने की उम्मीद है.

Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.








