1991 के सुधार 20वीं सदी की गाथा थे, मौजूदा सुधार 21वीं सदी के नए भारत के लिए हैं : निर्मला सीतारमण
NDTV India
निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना महामारी की मुश्किल स्थिति में इकोनॉमी को मुश्किलों से उबारने के लिए हमने बजट 2021 में बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने पर जोर दिया है. इसके साथ ही सार्वजनिक संपत्तियों से रेवेन्यू के नए स्रोत तलाशे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1991 के सुधार 20वीं सदी की गाथा थे लेकिन आज जो सुधार किए जा रहे वे 21वीं सदी के नए भारत के लिए हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने इकोनॉमी को नियंत्रण मुक्त करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है. मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में जीएसटी और दिवाला और दिवालियापन संहिता को लागू किया. हमारे पथप्रदर्शक दर्शन, 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को मतलब यह था कि किसी आधार पर कोई तुष्टीकरण नहीं किया जाएगा.' वित्त मंत्री ने यह विचार Live Hindustan से बातचीत के दौरान व्यक्त किए. कोविड महामारी के दौरान कमज़ोर पड़े सेक्टरों को पटरी पर लाने के लिए 6,28,993 करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान करने वाली वित्त मंत्री ने कहा कि न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन के अंतर्गत संरचनात्मक सुधार पर ध्यान दिया जा रहा है. पुराने बोझिल कानूनों को खत्म किया जा रहा है. ये पुराने कानून बेईमान नियामकों के मुफीद थे. उन्होंने कहा कि राज्यों के साथ मिलकर हमने तय किया है कि अगस्त 2022 यानी आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर लोगों ने इन नियमों से भी आजादी मिल जाएगी.More Related News