12 साल बाद फिल्मों में वापसी कर रहे अमोल पालेकर, बोले- हिंदी सिनेमा जाति के मुद्दों पर मौन रहना पसंद करता है
NDTV India
फिल्म 200-हल्ला हो एक दलित महिलाओं की सच्ची कहानी से प्रेरित है, जिसने एक बलात्कारी पर खुली अदालत में हमला किया था.
फिल्म '200-हल्ला हो' से 12 साल के लंबे अंतराल के बाद फिल्मों में वापसी कर रहे दिग्गज अभिनेता अमोल पालेकर का मानना है कि हिंदी सिनेमा में जाति को एक मुद्दे के रूप में शायद ही कभी उठाया जाता है क्योंकि यह पारंपरिक रूप से मनोरंजक मुद्दा नहीं है. फिल्म '200-हल्ला हो' एक दलित महिलाओं की सच्ची कहानी से प्रेरित है, जिसने एक बलात्कारी पर खुली अदालत में हमला किया था. सार्थक दासगुप्ता द्वारा निर्देशित और दासगुप्ता और गौरव शर्मा द्वारा सह-लिखित फिल्म, 200 दलित महिलाओं की नजरों के माध्यम से यौन हिंसा, जाति उत्पीड़न, भ्रष्टाचार और कानूनी खामियों के मुद्दों को छूती है.More Related News