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100 रुपए के डीफॉल्ट पर पांच रुपए ही मिलें, तो IBC जैसे कानून का क्या फायदा

100 रुपए के डीफॉल्ट पर पांच रुपए ही मिलें, तो IBC जैसे कानून का क्या फायदा

The Quint
Friday, August 13, 2021 11:40:09 AM UTC

insolvency and bankruptcy code: इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी संहिता यानी आईबीसी को बैंकिंग संकट दूर करना था. लेकिन पिछले चार साल के दौरान इसकी काबिलियत पर बराबर सवाल खड़े किए गए हैं. ​insolvency and bankruptcy code ibc needs repair to help banking crisis

इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी संहिता यानी आईबीसी को देश का बड़ा बैंकिंग संकट दूर करना था. लेकिन पिछले चार साल (इसे 2016 में शुरू किया गया) के दौरान इसकी काबिलियत पर बराबर सवाल खड़े किए गए हैं.हाल ही में वीडियोकॉन ग्रुप की 13 कंपनियों का मामला इसकी मिसाल है. इस ग्रुप पर बैंकों और अपने ऑपरेशनल क्रेडिटर्स का करीब 64,839 करोड़ रुपए बकाया था. लेकिन यह ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज़ के हाथों सिर्फ 2,962 करोड़ रुपए में बिकी. आईबीसी इसके कोई काम नहीं आई.आईबीसी के तहत जब कोई कंपनी कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रेज़ोल्यूशन प्रोसेस यानी सीआईआरपी में जाती है तो नतीजा यह होता है कि इसके लिए रेज़ोल्यूशन प्लान बनाया जाता है. इस प्लान में सब कुछ शामिल होता है. कंपनी के प्रबंधन से लेकर प्रॉडक्ट का प्रोफाइल बदल सकता है. कंपनी रीस्ट्रक्चर हो सकती है, या उसका बिजनेस मॉडल दोबारा से बनाया जा सकता है. डीफॉल्ट लोन के पुनर्भुगतान का शेड्यूल भी बदल सकता है.ADVERTISEMENTछोटी-छोटी रिकवरी किस काम की?लेकिन आईबीसी के इतिहास पर नजर डालिए. आपको पता चलेगा कि रेज़ोल्यूशन प्लान के तहत ऋण न चुका पाने वाली कंपनी को अक्सर दूसरी कंपनी को बेच दिया जाता है. जैसे वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों को ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज़ को बेच दिया गया.इससे जो पैसा रिकवर होता है, उसे बैंकों और ऑपरेशनल क्रेडिटर्स में बांट दिया जाता है जिनका पैसा बकाया होता है. जब कोई कंपनी वित्तीय संकट में फंसती है तो सिर्फ बैंक लोन पर डीफॉल्ट नहीं करती. बल्कि अपने कर्मचारियों, सप्लायर्स, कॉन्ट्रैक्टर्स वगैरह पर भी उसका पैसा बकाया होता है. इन क्रेडिटर्स को ऑपरेशनल क्रेडिटर्स कहा जाता है.ADVERTISEMENTइस तरह वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों के मामले में रिकवरी की दर वित्तीय और ऑपरेशनल क्रेडिटर्स की बकाया राशि का 4.6 प्रतिशत (64,839 करोड़ रुपए में 2,962 रुपए के प्रतिशत के तौर पर) थी. इसे देखते हुए क्रेडिटर्स का हेयरकट यानी नुकसान की मात्रा 95 प्रतिशत से ज्यादा थी.हैरान होने की बात नहीं. इस पर शोर-शराबा होना जायज था. अगर 100 रुपए के डीफॉल्ट पर सिर्फ पांच रुपए ही रिकवर हों, तो सारी जद्दोजेहद का क्या मतलब हुआ?ADVERTISEMENTबड़े हेयरकट्स और बढ़ते डीफॉल्टराष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने संभावित लेनदेन को रोक दिया है. यूं वीडियोकॉन ग...
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