शख्सियत: सड़कों से लोक निर्माण करते केशव
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यूपी सरकार में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग में ई-टेंडरिंग, क्रॉस चेकिंग और रिसाइक्लिंग की व्यवस्था लागू कर नई कार्य संस्कृति को जन्म दिया है. पहली बार शहीदों और मेधावियों के सम्मान में उनके घर तक सड़कें बनाने की प्रथा शुरू हुई है.
उत्तर प्रदेश में मार्च 2017 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने के बाद से पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और फूलपुर से सांसद केशव प्रसाद मौर्य को उपमुख्यमंत्री और लोकनिर्माण विभाग के कैबिनेट मंत्री जैसा महत्वपूर्ण ओहदा देकर सरकार में नंबर दो की हैसियत दी गई. सरकार बनने के बाद जब केशव प्रसाद मौर्य ने अपने विभाग के कामकाज की पड़ताल की तो पता चला कि सड़कों और सेतुओं के निर्माण का महत्पपूर्ण कार्य करने वाले लोक निर्माण विभाग में अधिकारियों और ठेकेदारों का गठजोड़ भ्रष्टाचार की धुरी बना हुआ था. केशव के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस गठजोड़ को समाप्त करने की थी. इससे निबटने के लिए केशव ने सबसे पहले विभाग के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए ई-टेंडरिंग की व्यवस्था लागू की. दूसरे चरण में विभाग के कार्यों की जांच के लिए “क्रॉस चेकिंग” की व्यवस्था शुरू की गई. जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई. लोक निर्माण में सबसे ज्यादा 250 से अधिक अधिकारियों पर प्रतिकूल प्रविष्टि, पदावनति और सेवा समाप्त जैसी कार्रवाई की गई. बनने वाली सड़कों की गुणवत्ता जांचने के लिए न केवल अत्याधुनिक मशीनें लगाई गईं बल्कि पहली बार एक क्षेत्र के अधिकारियों को दूसरे क्षेत्र के अधिकारियों के इलाके में जांच करने को भेजा गया. इन अधिकारियों को कहां जांच करने जाना है, उसकी जानकारी सुबह एक सील बंद लिफाफे में देकर उसी वक्त जांच के लिए रवाना करने की प्रथा शुरू की गई.More Related News