
''सेकंड वेव रोकना संभव न था'',पर ये 6 चीजें क्यों नहीं कीं?कहां है आगे का प्लान?
The Quint
COVID-19 India: सेकंड वेव रोकना संभव न था पर ये 6 चीजें क्यों नहीं कीं?कहां है आगे का प्लान? गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दूसरी लहर पर काबू पाना संभव न था.Home Minister Amit Shah said that it was humanly not possible to control corona Second wave.
"दूसरी लहर में कोरोना इतनी तेजी से फैला कि मानवीय रूप से उस पर काबू पाना संभव नहीं था."देश की कमर तोड़ चुकी कोरोना वायरस (COVID-19) की दूसरी लहर पर ये कहना है केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का. गृहमंत्री ने भारत में कोविड की खतरनाक दूसरी लहर पर कहा कि दूसरी लहर में महामारी इतनी तेजी से फैली, लेकिन इस परिस्थिति में भी पीएम मोदी ने गांव और शहरों में 6-7 दिनों के अंदर 10 गुना ऑक्सीजन देने की व्यवस्था करने का प्रयास किया.अमित शाह का कहना है कि इसपर काबू पाना मानवीय रूप से संभव नहीं था, लेकिन सरकार के हाथ में जो था, क्या वो उसने ठीक से किया? 1.कोरोना को हराने के खोखले वादे क्यों किए?पूरी दुनिया में कोहराम मचाने वाले कोरोना पर काबू पाने के खोखले दावे हमने कर लिए. नतीजे सामने हैं. 28 जनवरी 2021 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर में ऐलान कर दिया था कि भारत ने कोरोना वायरस को हरा दिया है. वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के दावोस डायलॉग में पीएम मोदी ने कहा था,"भारत की सफलता को किसी एक देश की सफलता से आंकना उचित नहीं होगा. जिस देश में, विश्व की 18% आबादी रहती हो, उस देश ने कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण कर के, पूरी दुनिया को, मानवता को, बड़ी त्रासदी से भी बचाया है."वहीं, पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी मार्च में कहा कि भारत ने कोरोना वायरस को हरा दिया है. और फिर? फिर अप्रैल में आई कोरोना की खतरनाक दूसरी लहर.दिक्कत की बात ये है यूं लगा कि सिर्फ कोरोना को हरा दिया सिर्फ कहा ही नहीं, मान भी लिया. तभी तो लापरवाहियों का नेशनल रिकॉर्ड बनाया गया, तैयारियां धीमी पड़ गईं.ADVERTISEMENT2. महामारी के बीच चुनाव क्यों कराए?महामारी के बीच चुनाव कराना ऐसा था, जैसे कोरोना को न्योता दिया गया हो. चुनाव रोकने में चुनाव आयोग की असफलता और अयोग्यता से लाखों जिंदगियां दांव पर लगीं. चुनावी रैलियों में कोरोना नियमों का जमकर उल्लंघन हुआ. रैलियों और रोड शो में जमकर भीड़ इकट्ठा हुई. न किसी के चेहरे पर मास्क दिखा, तो नहीं सोशल डिस्टेंसिंग. उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में ड्यूटी के कारण भी सैकड़ों शिक्षकों की मौत हो गई.आयोग को फटकार लगाते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर का जिम्मेदार चुनाव आयोग ही है और उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए.ADVERTISEME...More Related News
