सावधान India: ठग ने मुख्यमंत्री के नाम पर कॉल करके अफसरों से कर ली करोड़ों रुपये की उगाही, कैसे बचेंगे आप ?
Zee News
बढ़ते साइबर क्राइम और उसमें इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों को आसान भाषा में समझने के लिए हमने यूपी पुलिस के साइबर सुरक्षा सलाहकार राहुल मिश्रा से बातचीत की. और उनसे इससे जुड़े तमाम सवालों के जवाब लेने की कोशिश की.उन्होंने साइबर क्राइम के बारे में विस्तार से बताया है.
नेहा शेखावत/नई दिल्ली: साइबर क्राइम में आए दिन इजाफा देखने को मिल रहा है. टेक्नोलॉजी जैसे-जैसे एडवांस्ड हो रही है, जालसाज भी फ्रॉड के उतने ही एडवांस्ड तरीके इजाद कर ले रहे हैं. साइबर क्राइम से बचाव को लेकर हम एक सीरीज चला रहे हैं. यह स्टोरी का पहला पार्ट है. इसके दूसरे पार्ट में हम आपको हम साइबर लॉ और फर्जी वेबसाइट से बचाव के अलावा कई जरूरी चीजों के बारे में बताएंगे. एक्सपर्ट राहुल मिश्रा ने बताया कि उन्होंने 2013 में एक केस सॉल्व किया था, जिसमें यूपी चीफ मिनिस्टर के लैंडलाइन नंबर का इस्तेमाल कर मेरठ के डीआईजी को कॉल की गई और उनसे 35 लाख रुपये की मांग की गई थी. जिसके बाद मेरठ डीआईजी को शक हुआ तो उन्होंने उस नंबर को सर्विलांस पर लगाने का आदेश दिया. डीआईजी के आदेश पर उनके फोन का 'कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकाला गया. डीआईजी के नंबर का कॉल डिटेल रिकॉर्ड’ तो बता रहा था कि सीएम के लैंडलाइन से फोन किया गया है लेकिन सीएम के लैंडलाइन का CDR निकालने पर पता चला कि उनके नंबर से ऐसी कोई कॉल ही नहीं की गई थी.एनडीए में सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी ने अग्निपथ योजना पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है. उन्होंने इस पर नए तरीके से विमर्श की बात की. इसके अलावा उन्होंने वन नेशन-वन इलेक्शन और यूसीसी पर भी अपना पक्ष रखा है.
Foreign Guest List Invited to PM Modi Oath Ceremony: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में भाजपा एक बार फिर देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. हालांकि, पार्टी अपने दम पर बहुमत के आंकड़े को नहीं पार कर पाई है, लेकिन एनडीए गठबंधन बहुमत के आंकड़े को जरूर पार कर गया है. लिहाजा नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश की कमान संभालने जा रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे सोमवार को स्वीकार कर लिए. इन तीनों ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था. तीन विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए जाने के बाद 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा में अब 59 सदस्य रह गए हैं क्योंकि कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों को पहले ही दल बदल कानून के तहत अयोग्य ठहरा दिया गया था. अब 3 निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद संख्या 59 हो गई है.