साड़ी फटने के बाद ममता बनर्जी ने क्या कसम खाई थी, जिसने अस्त कर दिया वामपंथ का सूरज
Zee News
पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु तो ममता की राजनीति से इतने चिढ़ते थे कि उन्होंने कभी सार्वजनिक रूप से उनका नाम तक नहीं लिया था.
नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का सियासी सफर फर्श से अर्श पर पहुंचने की कहानी है. छात्र आंदोलन से निकली एक आवाज ने कैसे देश की राजनीति में अपनी बेबाक पहचान बनाई ममता इसका एक अनोखा उदाहरण हैं. ममता का राजनीतिक करियर इतनी कहानियां समेटे हुए है, जिसकी हर परत दिलचस्प भी है और संघर्ष से भरा भी. यूं तो ममता अपनी सफल राजनीति और सादगी के लिए भी फेमस हैं लेकिन दीदी के नाम से मशहूर ममता उतनी ही जिद्दी, बेबाक और निडर भी हैं.
आज ही के दिन यानी की 5 जनवरी को ममता का जन्मदिन है. उनके इस जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताएंगे ममता की उस कसम के बारे में जिसे पूरा होने में भले ही 18 साल लगे. लेकिन जब ममता की वो कसम पूरी हुई तो बंगाल में वामपंथ का सूरज अस्त हो गया. तब से ममता ही इस राज्य की मुखिया हैं और अब उनकी निगाहें देश की कुर्सी पर है. आइए जानते हैं क्या था वो किस्सा...