
साड़ी फटने के बाद ममता बनर्जी ने क्या कसम खाई थी, जिसने अस्त कर दिया वामपंथ का सूरज
Zee News
पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु तो ममता की राजनीति से इतने चिढ़ते थे कि उन्होंने कभी सार्वजनिक रूप से उनका नाम तक नहीं लिया था.
नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का सियासी सफर फर्श से अर्श पर पहुंचने की कहानी है. छात्र आंदोलन से निकली एक आवाज ने कैसे देश की राजनीति में अपनी बेबाक पहचान बनाई ममता इसका एक अनोखा उदाहरण हैं. ममता का राजनीतिक करियर इतनी कहानियां समेटे हुए है, जिसकी हर परत दिलचस्प भी है और संघर्ष से भरा भी. यूं तो ममता अपनी सफल राजनीति और सादगी के लिए भी फेमस हैं लेकिन दीदी के नाम से मशहूर ममता उतनी ही जिद्दी, बेबाक और निडर भी हैं.
आज ही के दिन यानी की 5 जनवरी को ममता का जन्मदिन है. उनके इस जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताएंगे ममता की उस कसम के बारे में जिसे पूरा होने में भले ही 18 साल लगे. लेकिन जब ममता की वो कसम पूरी हुई तो बंगाल में वामपंथ का सूरज अस्त हो गया. तब से ममता ही इस राज्य की मुखिया हैं और अब उनकी निगाहें देश की कुर्सी पर है. आइए जानते हैं क्या था वो किस्सा...

36 MW Class Gas Turbine Engine: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कॉन्फ्रेंस में बताया कि नौसेना अब पूरी तरह स्वदेशी 36 मेगावॉट क्लास गैस टर्बाइन इंजन, अगली पीढ़ी की डीजल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम. फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक विकसित कर रही है. इनका पहला ऑपरेशनल संस्करण 2029 में नौसेना के जहाजों पर आने की उम्मीद है.

Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.








