
सलमान रुश्दी उपन्यास लिखने वापस आएंगे भारत, कभी ‘सैटेनिक वर्सेज’ लिखने पर छोड़ना पड़ा था देश
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सलमान रुश्दी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में मैंने ज्यादातर उपन्यास पश्चिमी देशों पर आधारित लिखे हैं, ये उपन्यास ज्यादातर अमेरिका आधारित हैं, थोड़े ब्रिटेन पर आधारित हैं, मुझे लगता है कि यह भारत वापस आने का समय हो सकता है.
नई दिल्लीः देश से कई साल दूर रहने के बाद, ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक सलमान रुश्दी ने आखिरकार अपनी अगली पुस्तक के लिए भारत लौटने का मंसूबा बनाया है. बुकर पुरस्कार से सम्मानित रश्दी ‘टाइम्स लिटफेस्ट’ के एक सत्र में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि उनका अगला उपन्यास भारत आधारित होने की उम्मीद है जिसके लिए उन्हें भारत वापस आना होगा. उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में मैंने ज्यादातर उपन्यास पश्चिमी देशों पर आधारित लिखे हैं, ये उपन्यास ज्यादातर अमेरिका आधारित हैं, थोड़े ब्रिटेन पर आधारित हैं, मुझे लगता है कि यह भारत वापस आने का समय हो सकता है. मुझे लगता है कि अगली पुस्तक एक भारतीय उपन्यास होगी.’’ भारत पर आधारित उपन्यास लिखने की है चाहत रुश्दी ने कहा कि यह बहुत शुरुआती चरण में है, इसलिए मुझे थोड़ा और आगे बढ़ने दीजिये लेकिन ऐसा लग रहा है कि यह पूरी तरह से भारत पर आधारित होगा, जिसका मतलब है कि मुझे भारत आना होगा. बहुत लंबा वक्त हो गया है. लेखक आखिरी बार दीपा मेहता की 2013 की फिल्म ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रेन’ के प्रचार के लिए भारत आए थे, जो रुश्दी की इसी नाम की बुकर पुरस्कार सम्मानित पुस्तक पर आधारित थी.
36 MW Class Gas Turbine Engine: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कॉन्फ्रेंस में बताया कि नौसेना अब पूरी तरह स्वदेशी 36 मेगावॉट क्लास गैस टर्बाइन इंजन, अगली पीढ़ी की डीजल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम. फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक विकसित कर रही है. इनका पहला ऑपरेशनल संस्करण 2029 में नौसेना के जहाजों पर आने की उम्मीद है.

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