समय से छोटे लोन के प्रीपेमेंट पर नहीं लगेगी कोई पेनल्टी! माइक्रोफाइनेंस सेक्टर के लिए RBI ने बनाए नए नियम, होंगे ये फायदे
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RBI Microfinance Loan: रिजर्व बैंक ने सोमवार को माइक्रोफाइनेंस सेक्टर के लिए एक यूनिफॉर्म रेगुलेटरी फ्रेमवर्क जारी किया, जिसमें कई तरह के प्रस्ताव दिए गए हैं, जैसे सेक्टर के लिए ब्याज दर की सीमा को हटाने और लोन प्रीपेमेंट पर कोई पेनल्टी न लगाई जाए.
नई दिल्ली: RBI Microfinance Loan: रिजर्व बैंक ने सोमवार को माइक्रोफाइनेंस सेक्टर के लिए एक यूनिफॉर्म रेगुलेटरी फ्रेमवर्क जारी किया, जिसमें कई तरह के प्रस्ताव दिए गए हैं, जैसे सेक्टर के लिए ब्याज दर की सीमा को हटाने और लोन प्रीपेमेंट पर कोई पेनल्टी न लगाई जाए. रिजर्व बैंक ने इसके लिए एक कंसल्टिव डॉक्यूमेंट जारी किया है. रिजर्व बैंक ने बैंकों, NBFCs-MFIs, इंडस्ट्री एसोसिएशन और दूसरे स्टेकहोल्डर्स से उनके कमेंट्स और सुझाव देने के लिए 31 जुलाई तक का वक्त दिया है. माइक्रोफाइनेंस सेक्टर के रेगुलेशन के लिए नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज (NBFC) और माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (MFI) किसी भी अन्य NBFC की तरह बोर्ड अप्रूव्ड पॉलिसी और फेयर प्रैक्टिस कोड से चलेंगे, जहां पर डिस्क्लोजर और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी. ब्याज दरों के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं होगी. हालांकि कर्जदाता ये सुनिश्चित करेंगे कि बेवजह ही बढ़ाचढ़ा कर ब्याज न वसूला जाए. RBI ने कहा कि हमारा मकसद पूरे माइक्रोफाइनेंस सेक्टर के लिए ब्याज दरों को नीचे लाने के लिए मार्केट मैकेनिज्म को मजबूत बनाया जाए.More Related News