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समंदर का असली कातिल टारपीडो, 19 सदी का स्वचलित माइंस 150 में बना AI किलर; जानें सफर की कहानी
Zee News
Torpedo how change in several years: समंदर में भावी जंग अंडर वाटर होगी. इस जंग में टारपीडो का अहम रोल होगा. टारपीडो एक ऐसा हथियार है, जो 19वीं सदी से लेकर आजतक प्रसांगिक बना हुआ है.
Torpedo how change in several years: समंदर की लड़ाई में युद्धपोत और सबमरीन का दौर चल रहा है. इन सबमरीनों को काउंटर करने के लिए टारपीडो का इस्तेमाल किया जाता है. यह टारपीटो 19वीं सदी से आज तक समंदर के ऊपरी सतह और अंडर वाटर सबमरीन को नेस्तनाबूद करने के लिए उतना ही प्रभावी है, जितना पहले हुआ करता था. हालांकि समय के साथ इसमें छोटे-छोटे परिवर्तन हुए. अब टारपीडो के पास खुद का अपना दिमाग है.

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.

India Nuclear Missile Force: दुनिया में आज के समय में सभी देश अपनी सैन्य शक्तियों को मजबूत कर रहे हैं. भारत ने भी पिछले कुछ दशकों में अपनी सैन्य ताकत में काफी मजबूती लाई है. भारत की परमाणु क्षमता की चर्चा दुनिया में अक्सर होती है, लेकिन इसे गहराई के साथ काफी कम लोग ही जानते हैं. भारत ने सिर्फ अग्नि श्रृंखला ही नहीं बल्कि जमीन, समुद्र, हवा और क्रूज मिसाइल सिस्टम का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है.








