सपा सरकार का मुजफ्फरनगर गोलीकांड, 6 साल का आंदोलन और 7 मौतें, उत्तराखंड के अलग होने की पूरी कहानी
ABP News
Uttarakhand: पर्वतीय क्षेत्र के लोग वोट तो देते थे पर इनका प्रदेश की सरकार बनाने में कोई भी बड़ा योगदान नहीं था. इसलिये भी राज्य सरकारें इनको और इनकी समस्याओं को अधिक महत्व नहीं देती थी.
Sepration Of UP And Uttarakhand: उत्तरप्रदेश से उत्तराखंड का विभाजन 9 नवंबर 2000 को हुआ था. लेकिन इसके पीछे पृथक राज्य की मांग कर रहे आंदोलकारियों को मुजफ्फरनगर तिराहा गोली कांड के रूप में एक बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ी थी. हालांकि अगर हम उत्तरांचल के विभाजन के कारणों की बात करें तो इसके बहुत ही सहज कारण निकलकर सामने आते हैं. दरअसल सामाजिक, प्रशासनिक और आर्थिक दृष्टी से उस समय संयुक्त प्रदेश की राजधानी लखनऊ पर्वतीय क्षेत्र से काफी दूर पड़ती थी. उस समय पहाड़ के लोगों का कहना था कि उनके क्षेत्र से देश की राजधानी पास है लेकिन प्रदेश की राजधानी पहुंचने के लिये उनको बहुत लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी.
भाषाई और सांस्कृतिक भिन्नता